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लॉकडाउन के दौरान साइबर ठगी के शिकार हो रहे लोग, फोन रिसीव करते ही लग रहा बड़ा झटका

Highlights लॉकडाउन के दौरान पुलिस के पास आ चुकी साइबर ठगी की कई शिकायतें दूसरे राज्यों से फोन करके लोगों से जानकारी लेकर कर रहे ठगी की घटनाएं साइबर ठग लॉकडाउन में जनपद के प्रत्येक वर्ग के लोगों को बना चुके निशाना  

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मेरठ। लॉकडाउन के दौरान लोगों को साइबर शातिरों से दो-चार होना पड़ रहा है। जनपद के लोगों के पास 0121-556786 नंबर से फोन आ चुके हैं। किसी दूसरे प्रदेश में बैठा शातिर ठग किसी अन्य जिले का कोड इस्तेमाल कर फोन करके कभी पीएम सहायता मंत्रालय तो कभी सहायता राशि आपके एकांउट में भेजने के लिए फोन करता है। कुछ शातिर सक्रिय हो गए हैं जो जो नाम पूछते ही आपके खाते से रकम उड़ा देते हैं। अब साइबर क्राइम को एडवाइजरी जारी करना पड़ी है।

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यह गैंग फोन के ज़रिए लोगों को ठग रहा है। साइबर क्राइम ब्रांच पुलिस के पास कई ऐसी शिकायतें आई हैं, जिसके आधार पर वह ठगों का सुराग लगा रही है। पुलिस को जो आवेदन मिले हैं, उसमें बताया गया है कि ये शातिर ठग फोन करते हैं और अपनी बातों में उलझाकर बैंक खाते में पैसे डालने का झांसा देते हैं। फिर एक एप भेजते हैं। एप में तमाम बैंक अकाउंट डीटेल मांगते हैं। एप को भरते ही आपके बैंक खाते का पैसा साइबर ठगों के बैंक खाते में ट्रांसफर हो जाती है।

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ये ठगी की वारदात का तरीका

एसपी क्राइम और साइबर के एक्सपर्ट डा. बीपी अशोक ने बताया कि ये ठग इतने शातिर हैं कि वे फोन से कॉमन नाम से संबोधित करते हैं। परिचय पूछने पर कहते हैं कि आप मुझे भूल गए क्या। फिर कहते हैं कि हमने आपको नये नंबर से फोन किया है तो आप हमें पहचान नहीं रहे। फिर ये ठग कहते हैं कि अच्छा मेरी आवाज पहचानिए, मैं कौन हूं। अगर आपने किसी परिचित का नाम बोल दिया तो ठग उसी नाम से बात करने लगता है। इसके अलावा ये बातों में उलझाकर आपके मोबाइल में एक ओटीपी भेजेंगे। जैसे ही आप उस ओटीपी को इन ठगों को बताएंगे। आपके एकाउंट से सारा रुपया उड़ जाएगा। बता दें कि इन दिनों पुलिस अधिकारियों की सोशल साइट्स भी हैक हो चुकी हैं। कई चिकित्सकों की फेसबुक और इंस्ट्राग्राम प्रोफाइल हैक कर उनके जानकारों से मदद के नाम पर रुपये एकाउंट्स में डालने की बात कही गई।

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ये बरतें सावधानी

- फोन पर अंजान व्यक्ति से बात करते समय अपने मोबाइल वॉलेट आदि के उपयोग के समय अंजान व्यक्ति के दिशा-निर्देशों का पालन न करें। अंजान व्यक्ति द्वारा धनराशि की रिक्वेस्ट एक्सेप्ट कराकर पिन डलवाया जाता है, जिससे आपके खाते से धनराशि अन्य खातों में ट्रांसफर हो जाती है।

- किसी अंजान व्यक्ति को बैंक, वॉलेट से संबंधित कोई गुप्त जानकारी साझा न करें।

- किसी अंजान व्यक्ति के कहने पर कोई स्क्रीन शेयरिंग एप्लीकेशन जैसे आदि डाउनलोड न करें।

- एेसे कॉल आने पर तुरंत इसकी सूचना नजदीकी पुलिस स्टेशन या साइबर क्राइम को दें।