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17 साल तक लड़की को नहीं आए पीरियड, जांच के दौरान डॉक्टर्स की भी फटी रही गई आंखें!

UP News: 17 साल तक लड़की को पीरियड नहीं आए। जांच में दौरान चौंकाने वाला खुलासा हुआ। जिससे डॉक्टर्स भी हैरान हो गए। जानिए पूरा मामला क्या है?

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मिर्जापुर में 17 साल तक लड़की को नहीं आए पीरियड। फोटो सोर्स- Ai

UP News: उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां एक परिवार में रहने वाली लड़की को 17 सालों तक पीरियड नहीं आए। जिसके बाद परिजन लड़की को अस्पताल लेकर पहुंचे।

17 साल तक नहीं हुए लड़की को पीरियड शुरू

13 से 14 साल की उम्र में आमतौर पर लड़कियों के पीरियड शुरू हो जाते हैं। डॉक्टर्स ने बताया कि जांच से पता चला है कि 17 साल की किशोरी जो जन्म से ही लड़की की तरह पली-बढ़ी थी वह आनुवंशिक रूप से पुरुष है। लड़की को प्रयागराज के स्वरूप रानी नेहरू (SRN) अस्पताल के स्त्री रोग विभाग में पीरियड शुरू नहीं होने के कारण लाया गया।

डॉक्टर्स की जांच में चौंकाने वाला खुलासा

अल्ट्रासाउंड स्कैन और अनुवर्ती आनुवंशिक जांच से पता चला कि बाहरी रूप से महिला जैसी दिखने के बावजूद लड़की के शरीर में XY गुणसूत्र और पुरुष के अंग थे। हालांकि लड़की की सर्जरी हो चुकी है और उसकी हार्मोन थेरेपी चल रही है। डॉक्टर्स ने कहा कि वह पूरी तरह से एक महिला के रूप में रह सकती है, लेकिन बच्चेदानी नहीं होने की वजह से वह कभी मां नहीं बन सकेगी।

एंड्रोजन इनसेंसटिविटी सिंड्रोम से पीड़ित है लड़की

डॉक्टर्स ने लड़की को एंड्रोजन इनसेंसटिविटी सिंड्रोम (AIS) से पीड़ित पाया। जो एक दुर्लभ आनुवंशिक स्थिति है। इसमें शरीर पुरुष हार्मोन या एंड्रोजन का प्रतिरोध करता है। SRN के यूरोलॉजी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. शिरीष मिश्रा ने कहा, "यह एक दुर्लभ इंटरसेक्स स्थिति है। लड़की का शरीर एक महिला के रूप में विकसित हुआ था, लेकिन सभी आनुवंशिक लक्षण पुरुष होने का संकेत देते हैं। हमने आगे की जांच के के लिए मामले को यूरोलॉजी और मनोचिकित्सा विभागों को भेज दिया है।"

लड़की की लेप्रोस्कोपिक सर्जरी की गई

AIS तब होता है जब शरीर के पुरुष हार्मोन रिसेप्टर्स ठीक से काम नहीं करते। हालांकि शरीर एंड्रोजन का उत्पादन करता है, लेकिन वह उन पर प्रभावी ढंग से प्रतिक्रिया नहीं कर पाता। परिणामस्वरूप, जो लोग आनुवंशिक रूप से पुरुष होते हैं वे बाहरी रूप से महिला जैसे दिख सकते हैं। डॉ. मिश्रा के मुताबिक लड़की के पुरुष अंगों में संभावित कैंसर के खतरे को रोकने के लिए लेप्रोस्कोपिक सर्जरी की गई। अब लड़की वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. अनुभा श्रीवास्तव की देखरेख में है। जिन्होंने उसके स्त्री गुणों को बनाए रखने के लिए हार्मोन थेरेपी शुरू कर दी है।


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