अब इसी बढ़ते कदम के बीच रक्षा मंत्रालय ने एक और बड़ा फैसला लेते हुए भारतीय नौसेना की ताकत बढ़ाने के लिए शुक्रवार को प्रोजेक्ट 75- India के तहत 6 सबमरीन के निर्माण की मंजूरी दे दी है। यह प्रोजेक्ट काफी लंबे समय से अटका था, जिसे अब पूरा किया जाएगा।
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भारत अपनी समुद्री ताकत को बढ़ाने के मद्देनजर नौसेना के लिए छह एडवांस्ड सबमरीन के निर्माण के लिए रिक्वेस्ट ऑफ प्रपोजल जल्द ही जारी करेगा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में भारतीय नौसेना द्वारा दिए गए प्रपोजल को डिफेंस एक्वजीशन कांउसिल ने अपनी मंजूरी भी दे दी है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अगुवाई में हुई बैठक में 50 हजार करोड़ रुपये के इस प्रोजेक्ट को मंजूरी दी गई है। इस प्रोजेक्ट को स्वेदेशी कंपनी मझगांव डॉक्स लिमिटेड और L&T को सौंपा गया है। ये दोनों कंपनियां किसी एक विदेशी शिपयार्ड के साथ मिलकर इस पूरे प्रोजेक्ट की जानकारी सौंपेंगी और बिड लगाएंगे।
युद्धपोत संध्याक रिटायर
आपको बता दें कि भारतीय नौसेना में चार दशक तक अपनी सेवा देने के बाद आज युद्धपोत संध्याक रिटायर हो रहा है। संध्याक ने 40 वर्ष तक भारत मां की सेवा की। इसकी परिकल्पना पूर्व रियर एडमिरल एफएल फ्रेजर ने की थी। संध्याक का निर्माण 1978 में शुरू किया गया था। इसके बाद 26 फरवरी, 1981 को वाइस एडमिरल एमके रॉय ने संध्याक को भारतीय नौसेना में शामिल किया।
क्या है प्रोजेक्ट 75-India?
मालूम हो कि भारतीय नौसेना ने समुद्र में अपनी ताकत को और अधिक बढ़ाने के लिए इस प्रोजेक्ट को शुरू की है। इस प्रोजेक्ट के तहत 6 बड़ी सबमरीन बनाई जाएगी, जो डीज़ल-इलेक्ट्रिक बेस्ड होंगी। सबसे खास और बड़ी बात ये कि इन सभी सबमरीन का निर्माण मेक इन इंडिया के तहत होगा और सभी का साइज मौजूदा स्कॉर्पियन क्लास सबमरीन से पचास फीसदी तक बड़ा होगा।
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भारतीय नौसेना इस नए सबमरीनों में हैवी-ड्यूटी फायरपावर की सुविधा चाहती है,जिससे एंटी-शिप क्रूज मिसाइल के साथ-साथ 12 लैंड अटैक क्रूज मिसाइल को भी तैनात किया जा सके। इसके अलावा ये सभी सबमरीन 18 हैवीवेट टॉरपीडो को ले जाने में सक्षम हो। गौरतलब है कि भारतीय नेवी के पास करीब 140 सबमरीन और सरफेस वॉरशिप हैं।