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दिल्ली: यमुना में उफान, ह​रियाणा के हथिनी कुंड बैराज से छोड़ा 3.11 लाख क्यूसेक पानी

राजधानी और उससे सटे इलाकों में हुई झमाझम बारिश से जहां दिल्ली के कई इलाकों में जल भराव का संकट खड़ा हो गया है।

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दिल्ली: यमुना में उफान, ह​रियाणा के हथिनी कुंड बैराज में छोड़ा 1,15,000 क्यूसेक पानी

नई दिल्ली। राजधानी और उससे सटे इलाकों में हुई झमाझम बारिश से जहां दिल्ली के कई इलाकों में जल भराव का संकट खड़ा हो गया है। वहीं, यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान तक पहुंच गया है। यमुना में लगातार बढ़ते जल स्तर का सबसे बड़ा कारण हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज में पानी छोड़ा जाना है। शनिवार को भी हथिनीकुंड बैराजयमुना से 3,11,190 क्यूसेक छोड़ा गया। प्रशासनिक जानकारी के अनुसार शुक्रवार को यमुना का जल 203.84 मीटर तक पहुंच गया है और शनिवार सुबह तक इसके खतरे के निशान तक पहुंचने की संभावना है। एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। यमुना अभी 204.83 मीटर के खतरे के निशान से 16 सेंटीमीटर नीचे बह रही है।

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बाढ़ नियंत्रण विभाग के अनुसार गुरुवार को भी हरियाणा में हथिनीकुंड बैराज से 1.36 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया गया जबकि शुक्रवार को यह मात्रा 83,241 क्यूसेक रही थी। विभाग के अनुसार पहाड़ों में भारी बारिश के कारण हथिनीकुंड में पानी का स्तर खतरनाक स्तर तक बढ़ गया। जबकि नई दिल्ली को पीने का पानी मुहैया कराने वाले हथिनीकुंड बैराज से जारी पानी को शहर में पहुंचने में आमतौर पर 72 घंटों का समय लगता है।

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वहीं, मानसून की सक्रियता से देशभर में पिछले सप्ताह हुई अच्छी बारिश से खरीफ फसलों की बुवाई जोर पकड़ी है। हालांकि कुल खरीफ फसलों का रकबा अब तक पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले साढ़े सात फीसदी कम है। केंद्रीय कृषि सहकारिता एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा शुक्रवार को जारी फसल वर्ष 2018-19 के खरीफ सीजन के बुवाई साप्ताहिक आंकड़ों के अनुसार, देशभर में 737.96 लाख हेक्टेयर में खरीफ फसलों की बुवाई हो चुकी है, जबकि पिछले साल की समान अवधि में 797.69 लाख हेक्टेयर था। पिछले सप्ताह यह खरीफ फसलों का रकबा 631.53 लाख हेक्टेयर था।

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धान का रकबा अब तक 197.63 लाख हेक्टेयर हो चुका है जो पिछले साल की समान अवधि में दर्ज रकबा 225.60 लाख हेक्टयर 12.40 फीसदी कम है। दलहन फसलों का रकबा अब तक 103.35 लाख हेक्टेयर हो गया है जो पिछले साल के 113.24 लाख हेक्टेयर से 8.73 फीसदी कम है। मोटे अनाज की बुवाई का रकबा 136.23 लाख हेक्टेयर है और यह पिछले साल के 148.33 लाख हेक्टेयर से 8.16 फीसदी कम है। तिलहन फसलों की बुवाई अब तक देश में 140.74 लाख हेक्टेयर भूमि में हो चुकी है, जबकि पिछले साल की समान अवधि के 142.39 लाख हेक्टेयर में हुई थी।


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