
देशभर में हिंसा के खिलाफ डॉक्टरों की हड़ताल, इलाज करने से इनकार, मरीजों का बुरा हाल
नई दिल्ली। पिछले चार दिनों से जूनियर डॉक्टरों पर हिंसक हमले के खिलाफ पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों की जारी हड़ताल शुक्रवार को देश भर में फैल गई। इसके साथ ही डॉक्टरों का विरोध भी बढ़ गया। पश्चिम बंगाल में गुस्साए 100 से ज्यादा डॉक्टर्स ने इस्तीफा सौंप दिया।
दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद, सिलीगुड़ी सहित कई महानगरों व शहरों में पश्चिम बंगाल के डॉक्टरों के समर्थन में चिकित्सकों की हड़ताल और जोरदार प्रदर्शन सुबह से जारी है। देश भर में डॉक्टरों के हड़ताल पर जाने से निजी और सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सुविधाएं बुरी तरह से प्रभावित हुई हैं।
वहीं, पश्चिम बंगाल में अभी डॉक्टरों का विरोध शांत नहीं हुआ है। चिकित्सकों के खिलाफ राज्यभर में हिंसा के विरोध स्वरूप दार्जिलिंग स्थित नॉर्थ बंगाल मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल से अब तक कुल 119 चिकित्सकों ने इस्तीफा दे दिया है।
दिल्ली में तीमारदार अपने मरीजों को लेकर भटक रहे हैं लेकिन इजाल नहीं हो पा रहा है। एम्स दिल्ली तक में जिन मरीजों का ऑपरेशन या डायलिसिल होना था उनका भी इलाज करने से डॉक्टरों ने इनकार कर दिया है। दिल्ली के अस्पतालों में ओपीडी से लेकर इमरजेंसी सेवाएं भी प्रभावित हैं।
आईएमए और एम्स की अपील का दिखा असर
भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) और एम्स के रेजीडेंट डॉक्टर संघ (आरडीए) के देशभर के चिकित्सक संघों से प्रदर्शन में शामिल होने की अपील का असर साफ दिखाई दे रहा है। आईएमए ने सभी राज्यों की शाखाओं के सदस्यों से शुक्रवार को काली पट्टियां बांधकर प्रदर्शन करने की अपील की थी।
आईएमए ने एक बयान में कहा था कि एनआरएस मेडिकल कॉलेज कोलकाता में सामने आई घटना अमानवीय प्रकृति की है। आईएमए पश्चिम बंगाल में एक युवा डॉक्टर पर हुए हमले की निंदा करता है। आईएमए की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि पूरा चिकित्सक समुदाय इस मुद्दे पर हड़ताल पर गए रेजीडेंट डॉक्टरों के साथ है।
दिल्ली में मरीज परेशान
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की रेजिडेंट्स डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों के खिलाफ हिंसा के विरोध में शुक्रवार को हड़ताल पर है। एम्स के डॉक्टरों का धरना प्रदर्शन जारी है।
डॉक्टर्स के हड़ताल पर होने की वजह से मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। दिल्ली सरकार के तहत संचालित सबसे बड़ा अस्पताल सफदरजंग और अन्य अस्पतालों में डॉक्टर हड़ताल पर हैं।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) और सफदरजंग अस्पताल के रेजीडेंट डॉक्टरों ने गुरुवार को भी सांकेतिक विरोध किया था। दिल्ली के दोनों सबसे बड़े सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों ने गुरुवार को अपने सिर पर काली पट्टियां बांधकर काम किया था।
मुंबई में भी डॉक्टर्स हड़ताल पर
महाराष्ट्र एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स (एमएआरडी) ने पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों के खिलाफ हिंसा के विरोध में शुक्रवार को हड़ताल पर रहने का फैसला किया। मुंबई में हड़ताल की वजह से आपातकालीन सेवाएं आंशिक रूप से प्रभावित हुई हैं।
ओपीडी सेवाएं ठप
उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज सिलीगुड़ी के डॉक्टर भी शुक्रवार को एनआरएस मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में डॉक्टरों के खिलाफ हिंसा पर हड़ताल में शामिल हुए। सिलीगुड़ी के डॉक्टरों ने आज काम का पूरी तरह से बहिष्कार किया है।
विरोध मार्च
डॉक्टरों के हड़ताल का असर उत्तर भारत ही नहीं दक्षिण भारत में भी है। निजाम इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के डॉक्टरों ने पश्चिम बंगाल के एनआरएस मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में डॉक्टरों के खिलाफ हिंसा पर विरोध मार्च निकाला।
Updated on:
15 Jun 2019 07:36 am
Published on:
14 Jun 2019 11:15 am
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