
मजबूर पिता का दर्द- 'हमें कश्मीर में हमारे घर भेज दें, मेरे बेटे को मार सकता है लॉकडाउन'
नई दिल्ली। दिल्ली के एम्स से पिछले महीने आठ दिनों की अवधि में दिल की दो सर्जरी के बाद अस्पताल से डिस्चार्ज हुए एक कश्मीरी बच्चे के पिता ने अपने तीन साल के बेटे की हालत को लेकर चिंता जताई है। उसके बेटे को सांस लेने में समस्या हो रही है और लंबे समय तक देशव्यापी लॉकडाउन के कारण उसका परिवार बच्चे के लिए आवश्यक चिकित्सा देखभाल नहीं जुटा पा रहा है। बच्चे के पिता ने कहा, "हमें कश्मीर स्थित हमारे घर भेज दें, लॉकडाउन मेरे बेटे को मार सकता है।" जम्मू एवं कश्मीर के पुलवामा जिले में अबहामा गांव के 38 वर्षीय मजदूर निसार अहमद मगरे ने कहा, "हम दिल्ली में किराए के मकान में रह रहे हैं। मेरे पास पैसे की कमी है।"
पिता ने कहा कि पिछले महीने जब उसके बेटे मैग्रे ताहा की सर्जरी सफलतापूर्वक की गई, तो परिवार बेहद खुश हुआ। परंतु निसार अब अपने गांव वापस जाना चाहता है लेकिन लॉकडाउन के चलते दिल्ली के आदर्श नगर (मजलिस पार्क, उत्तर-पश्चिम दिल्ली के पास) में अपने बेटे, पत्नी और भतीजे मंजूर के साथ फंस गया है,। वह यहां 13,500 रुपये प्रति माह के किराए पर रूका हुआ है। उन्होंने एम्बुलेंस के माध्यम से पुलवामा जाने की कोशिश की, लेकिन देशव्यापी लॉकडाउन के मद्देनजर इस बात की गारंटी नहीं है कि एम्बुलेंस उन्हें गांव में ही छोड़कर आ पाएगी और इस सुविधा के लिए उन्हें 60 हजार रुपये का भुगतान करने के लिए कहा गया है।
पिता ने कहा, "दिल्ली सरकार ने भले ही कहा है कि मकान मालिक इस माह लोगों से किराया न लें पर मैने किसी तरह इस महीने का किराया दे दिया है।" निसार के सामने सबसे बड़ी समस्या यह है कि बैसमेंट जैसे स्थान में उसके बेटे को सांस लेने में दिक्कत हो रही है, ऐसे में बच्चे को जीवित रखना पिता के लिए चुनौतीपूर्ण बन गया है। पिता ने आईएएनएस से कहा, "राज्य के शेर-ए-कश्मीर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस द्वारा मेरे बेटे को एम्स रेफर किए जाने के बाद मैं पिछले साल 18 नवंबर को यहां आया, मेरे बेटे की दिल की धमनियां अवरुद्ध हो गईं थी। मैंने उसके इलाज के लिए लाखों रुपये खर्च किए, रिश्तेदारों और दोस्तों से पैसे उधार लिए और अब जबकि सर्जरी खत्म हो गई है, मैं उसकी उचित देखभाल करने में असमर्थ हूं।"
पिता ने कहा, "मेरे बेटे को जीना होगा। ताहा की पहली ओपन हार्ट सर्जरी 1 मार्च को हुई और दूसरी उसके आठ दिन बाद, 26 मार्च को उसे एम्स से छुट्टी मिली यह मेरे जीवन का सबसे सुखद क्षण था, लेकिन अब लॉकडाउन के चलते हम सब यहीं फंस गए हैं।" गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नेरेंद्र मोदी ने कोविड-19 संक्रमण के बढ़ते प्रकोप के चलते महामारी की रोकथाम के मद्देनजर 24 मार्च को 21 दिनों के देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की थी। कोरोनावायरस के चलते अब तक देशभर में 70 लोगों की मौत हो चुकी है।
Updated on:
05 Apr 2020 08:59 pm
Published on:
05 Apr 2020 08:56 pm
बड़ी खबरें
View Allविविध भारत
ट्रेंडिंग
