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दुनिया के कई देशों में समलैंगिकता अभी भी गैरकानूनी, तो कहीं पर मिली कानूनी मान्यता

locationनई दिल्लीPublished: Jul 11, 2018 03:31:16 pm

Submitted by:

Anil Kumar

समलैंगिकता को अपराध के तहत लाने वाली संविधान की धारा 377 पर सुनवाई हो रही है। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता में पांच जजों की बैंच इस मामले को लेकर सुनवाई कर रही है।

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दुनिया के कई देशों में समलैंगिकता अभी भी गैरकानूनी, तो कहीं पर मिली कानूनी मान्यता

नई दिल्ली। भारत में समलैंगिकता अपराध है या नहीं इस बात को लेकर देश की सर्वोच्च अदालत सुनवाई कर रही है। समलैंगिकता को अपराध के तहत लाने वाली संविधान की धारा 377 पर सुनवाई हो रही है। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता में पांच जजों की बैंच इस मामले को लेकर सुनवाई कर रही है। इस संवैधानिक पीठ में चीफ जस्टिस के अलावा अन्य चार जज आरएफ नरीमन, एएम खानविलकर, डीवाई चंद्रचूड़ और इंदु मल्होत्रा शामिल हैं। अब इस मामले की सुनवाई पूरी होने के बाद यह साफ हो जाएगा कि भारत में समलैंगकिता अपराध है या नहीं। लेकिन इन सबके बीच दुनिया में कई ऐसे देश हैं जहां पर समलैंगिकता कानूनी अपराध है तो कहीं पर कानूनी तौर पर जायज है। बता दें कि जिन देशों में समलैंगिकता अपराध है उस देश में आरोपी को मौत की सजा दी जाती है।

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इन देशों में समलैंगकिता एक अपराध है

आपको बता दें कि खाड़ी देशों के अलावा उत्तर-पूर्वी अफ्रीका के कई देशों में समलैंगिकता एक अपराध है और इसके लिए वहां के कानून में मौत की सजा का प्रावधान है। इन देशों में सुडान, ईरान, सऊदी अरब, यमन आदि देश शामिल हैं। बता दें कि दुनिया में कुल ऐसे 13 देश हैं जहां पर समलैंगिकता को अपराध माना जाता है और इसके लिए उन देशों में मौत की सजा का प्रावधान है। बता दें कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान और कतर में भी समलैंगिकता अपराध है और मौत की सजा का प्रावधान है लेकिन इन देशों में फिलहाल इसे लागू नहीं किया गया है। इसके अलावा इंडोनेशिया समेत कई देशों में समलैंगिकता के लिए कोड़े मारने की सजा का प्रावधान है, जबकि कुछ देशों में इसे अपराध मानते हुए जेल की सजा का प्रावधान किया गया है।

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इन देशों में समलैंगिकता कानूनी तौर पर जायज है

आपको बता दें कि कुछ देश ऐसे हैं जहां पर समलैंगिकता को आपराध नहीं बल्कि समाज का एक हिस्सा समझा जाता है और उसे स्वीकृति मिली हुई है। इन देशों में समलैंगिकता को कानूनी मान्यता दी गई है। बता दें कि बेल्जियम, कनाडा, स्पेन, दक्षिण अफ्रीका, नॉर्वे, स्वीडन, आइसलैंड, पुर्तगाल, अर्जेंटीना, डेनमार्क, उरुग्वे, न्यूजीलैंड, फ्रांस, ब्राजील, इंग्लैंड, स्कॉटलैंड, लग्जमबर्ग, फिनलैंड, आयरलैंड, ग्रीनलैंड, कोलंबिया, जर्मनी, माल्टा आदि ऐसे कई देश हैं जहां पर समलैंगिकता को मान्यता मिली है और समलैंगिक शादियों को भी जायज माना जाता है। गौरतलब है कि नीदरलैंड ने दिसंबर 2000 में सबसे पहले समलैंगिक शादियों को कानूनी मान्यता दी थी, जिसके बाद 2015 में अमरीका ने भी इसे का वैध करार दिया। अमरीका की सुप्रीम कोर्ट ने इसे कानूनी तौर पर सही ठहराया। हालांकि 2001 तक 57 फीसदी अमरीकी लोगों ने इसका खुलकर विरोध किया था लेकिन अब एक रिसर्च से यह बात सामने आई है कि अमरीका की 67 फीसदी लोग इसे सही मानते हैं। बाते वर्ष 2017 में ऑस्ट्रेलिया की संसद ने भी समलैंगिकता को कानूनी मान्यता दे दी थी। ऑस्ट्रेलियाई संसद के 150 सदस्यों में से केवल चार ने इसका विरोध किया था। बता दें कि विशव में करीब 26 देश ऐसे हैं जिन्होंने समलैंगिकता को कानूनी मान्यता दे दी है।

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