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Independence Day 2021: आजादी से पहले क्यों मची थी तबाही, लाखों लोगों ने गंवाई जान, करोड़ों हुए थे बेघर

locationनई दिल्लीPublished: Aug 15, 2021 07:02:16 am

Submitted by:

Shaitan Prajapat

भारत में स्वतंत्रता दिवस हर साल 15 अगस्त को मनाया जाता है। यह दिन होता है उन वीरों जवानों को याद करने का जिन्होंने देश को अंग्रेजों से गुलामी से आजादी दिलाने को अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया था।

Independence Day 2021

Independence Day 2021

Independence Day 2021 : भारत में स्वतंत्रता दिवस हर साल 15 अगस्त को मनाया जाता है। 15 अगस्‍त 1947 ये वो दिन है जब हमें आजादी मिली। भारत स्‍वतंत्रता की 75वीं सालगिरह मनाने की तैयारियों में जुटा है। यह दिन होता है उन वीरों जवानों को याद करने का जिन्होंने देश को अंग्रेजों से गुलामी से आजादी दिलाने को अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया था। उत्साह और जश्न के इस माहौल में दिल्ली के लाल किला पर प्रधानमंत्री तिरंगा फहराते हैं। आइए जानते है आजादी मिलने से पहले देश क्या-क्या हुआ।

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देश को दो हिस्सों में बाटा गया
आजादी से पहले भारत में क्या-क्या हुआ। इसके बारे में कई ऐसी सच्चाई है जिनके बारे में नई पीढ़ी नहीं जानती है। अंग्रेजों ने भारत पर 200 साल तक राज करने के बाद 1947 में छोड़कर गए थे। जाने से पहले उन्होंने उपमहाद्वीप को दो हिस्सों में बांट दिया। एक हिस्सा हिंदू बहुल भारत बना और दूसरा मुस्लिम बहुल पाकिस्तान बनाया। इस दौरान बड़ी संख्या में लोगों ने अपने घर छोड़ कर बंटवारे के तहत निर्धारित मुल्कों की ओर रुख किया। कुछ भारत से पाकिस्तान गए तो कुछ पाकिस्तान से भारत आए।

 

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5 लाख लोगों ने गंवाई जान, 1.45 करोड़ लोग हुए थे बेघर
विभाजन बड़ी मानवीय त्रासदी लेकर आया था। इस दौरान लाखों लोगों ने भड़के दंगों में अपनी जान गंवाई। भारत के विभाजन से करोड़ों लोग प्रभावित हुए। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बंटवारे के दौरान हुई हिंसा में करीब 5 लाख लोग मारे गए और करीब 1.45 करोड़ लोगों ने अपना घर-बार छोड़कर बहुमत संप्रदाय वाले देश में शरण ली।

 

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महिलाओं, युवतियों और बच्चियों के साथ दरिंदगी
ऐसा कहा जाता है कि बंटावारे के दौरान दोनों तरफ मारकाट इस बड़े पैमाने पर मची थी। भड़की हिंसा के दौरान क्‍या महिलाएं, क्‍या बच्‍चे, क्‍या बुजुर्ग, विभाजन की त्रासदी ने किसी को भी नहीं बख्‍शा। सब हिंसा की भेंट चढ़ गए। हिंसा ने जहां लाखों लोगों की जान ली, वहीं इस दौरान महिलाओं की अस्मिता भी सुरक्षित नहीं रही। बंटवारे की आग में हजारों महिलाओं, युवतियों, बच्चियों के साथ दरिंगदी की घटनाएं हुईं।

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