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जस्टिस चेलमेश्वर: कोलेजियम केंद्र सरकार को वापस भेजे न्यायमूर्ति केएम जोसेफ का नाम

locationनई दिल्लीPublished: May 10, 2018 11:10:38 am

जस्टिस चेलमेश्वर ने उत्तराखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के एम् जोसेफ की सुप्रीम कोर्ट में नियुक्ति के लिए चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा को पत्र लिखा है।

नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा उत्तराखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के एम जोसेफ को सुप्रीम कोर्ट का जज बनाने से इंकार करने के बाद उन्हें सुप्रीम कोर्ट का जज बनाये जाने को लेकर जस्टिस चेलमेश्वर ने चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा को और पत्र लिखा है।
दोबारा सिफारिश भेजे कोलेजियम

केंद्र सरकार को लिखे अपने पत्र में जस्टिस चेलमेश्वर ने उत्तराखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के एम् जोसेफ की सुप्रीम कोर्ट में नियुक्ति की सिफारिशों पर केंद्र द्वारा उठाई गई आपत्तियों का जिक्र करते हुए उनका सिलसिलेवार जवाब दिया है। बताया जा रहा है कि इस पत्र में चेलमेश्वर ने विधि और न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद द्वारा कोलेजियम को दिए गए हर उत्तर का प्रतिउत्तर लिखा है। इस पत्र में कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद की दलीलों को खारिज करते हुए चीफ जस्टिस के नाम लिखे पत्र में उन्होंने अपील की है कि कोलेजियम अपनी सिफारिश पर कायम रहते हुए जस्टिस के एम् जोसेफ का नाम केंद्र को दोबारा भेजे।
बता दें कि जस्टिस जोसेफ की नियुक्ति को लेकर 2 मई 2018 को भी सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम की बैठक हुई थी लेकिन इस बैठक में अंतिम रूप से कोई फैसला नहीं लिया जा सका था। अब जस्टिस चेलमेश्वर की सिफारिशों के बाद माना जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा जल्द ही कोलेजियम के बैठक आयोजित करवाने के बारे में कोई फैसला करेंगे।
क्या कहता है कानून

कानून विशेषज्ञों का मानना है कि अगर कोलेजियम अपनी सिफारिश में जस्टिस जोसेफ को सुप्रीम कोर्ट का जज बनाये जाने की बात फिर से दोहराता है, तो सरकार के एम जोसेफ को सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त करने के लिए बाध्य होगी।कानून के जानकारों की मानें तो अगर कोई नाम पुनर्विचार के लिए भेजा जाता है, तो सरकार को उसे मानना होगा।लेकिन गौर तलब है कि सरकार के लिए कोलेजियम की सिफारिश पर कोई कदम उठाने के लिए कोई समय सीमा नहीं है। इस संबंध में सरकार को शीर्ष अदालतों में जजों की नियुक्ति के संबंध में सुप्रीम कोर्ट द्वारा 1993 और 1998 में बनाये गए दिशा-निर्देशों का पालन करना होता है।
बैकफुट पर सरकार

इससे पहले केंद्र सरकार ने जजों की नियुक्ति के संबंध में कोलेजियम की सिफारिश मानते हुए वरिष्ठ वकील इंदु मल्होत्रा को सुप्रीम कोर्ट का न्यायाधीश बनाने को मंजूरी दे दी है। लेकिन, उत्तराखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के एम जोसेफ की सुप्रीम कोर्ट में जज बनाने की सिफारिश पुनर्विचार के लिए लौटा दी है।सरकार ने इसके पीछे वजह यह बताई थी कि केरल से सुप्रीम कोर्ट में पहले ही पर्याप्त प्रतिनिधित्व है।
सरकार का तर्क था कि ऐसे में केरल हाई कोर्ट से एक और पदोन्नति सुप्रीम कोर्ट में क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व की सरंचना के हिसाब से ठीक नहीं होगी। जबकि सरकार पर आरोप है कि इस मामले में उसने उत्तराखंड हाईकोर्ट द्वारा राष्ट्रपति शासन को निरस्त करने के फैसले पर अपनी खुन्नस निकाली है। बता दें कि कोलेजियम ने इंदू मल्होत्रा और जस्टिस जोसेफ को सुप्रीम कोर्ट के नाम इसी साल जनवरी में सरकार को भेजे थे।
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