हर अंतिम संस्कार के लिए 380 रुपये
मीडिया रिपोर्ट्स में अधिकारियों के हवाले से दावा किया जा रहा है कि निकाय संस्था पुरोहितों को हर अंतिम संस्कार के लिए 380 रुपये देगी। बता दें कि यह फैसला ऐसे समय में लिया गया है जब हाल ही में लोकसभा चुनाव के सात चरण संपन्न हुए हैं। इस पूरे प्रचार-प्रसार के दौरान भाजपा ने लगातार सीएम ममता बनर्जी पर मुस्लिम तुष्टीकरण का आरोप लगाते हुए घेरने की कोशिश की थी। अब ममता सरकार का यह कदम BJP के इसी आरोप का जवाब माना जा रहा है।
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चुनाव से पहले ही लिया था फैसला
वहीं, कोलकाता नगर निगम (KMC) का दावा है कि पुरोहितों को सैलरी देने का यह फैसला चुनाव से पहले लिया गया था। इस बारे में बताते हुए मेयर फिरहाद खान ने कहा कि, ‘हम इसे चुनाव के बाद लागू कर रहे हैं। इन पुरोहितों की आय के लिए कोई नियमित श्रोत नहीं है। ये सभी पूरी तरह से शोक संतप्त परिवार की ओर से मिल रही राशि पर अपनी जिंदगी गुजारने को बाध्य रहते हैं। ऐसे में उनकी जिंदगी सरल बनाने और राह आसान करने के लिए हमने उन्हें प्रति शव के अंतिम संस्कार के लिए 380 रुपये देने का फैसला लिया है।’
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2012 में ममता सरकार के फैसले का विरोध
गौरतलब है कि इससे पहले 2012 में ममता बनर्जी ने इमाम और मुअज्जिन के लिए भी वेतन निर्धारित की थी। उन्होंने इमाम के लिए 2,500 और मुअज्जिन को 30,000 रुपये का वेतन देने का ऐलान किया था। हालांकि, उस वक्त उनके फैसले की काफी निंदा हुई थी। दरअसल, उस दौरान हिंदू पंडित भी इसी तरह के लाभ की मांग कर रहे थे।