
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को नीति आयोग की होने वाली बैठक की अध्यक्षता करेंगे। यह बैठक रविवार सुबह 9:30 बजे से शुरू होगी। दो दिन चलने वाली इस बैठक में देश के विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री, केंद्र शासित क्षेत्रों के उप राज्यपाल और केंद्रीय कैबिनेट मंत्री हिस्सा लेंगे। महत्वपूर्ण मानी जाने वाली इस बैठक के दौरान देश के तमाम नीतिगत मामलों पर चर्चा होगी।
क्या है बैठक का एजेंडा
नीति आयोग की इस बैठक में कई अहम मुद्दों पर चर्चा होगी। जो मुद्दे बैठक में विचार विमर्श के लिए रखे जाएंगे उनमें किसानों की आय दोगुनी करना, आयुष्मान भारत, राष्ट्रीय पोषण मिशन और मिशन इंद्रधनुष प्रमुख होंगे।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ट्वीट कर कहा है कि नीति आयोग की गवर्निंग काउंन्सिल विभिन्न क्षेत्रों से संबंधित महत्वपूर्ण नीतियों को लागू करने पर रविवार को चर्चा करेगी। पीएम मोदी ने अपने ट्वीट में शनिवार को कहा कि 'नीति आयोग की गवर्निंग काउन्सिल की कल होने वाली चौथी बैठक का इंतजार है। आज इस बैठक में विभिन्न क्षेत्रों से संबंधित महत्वपूर्ण नीतियों को लागू करने पर बैठक में चर्चा की जाएगी।'
नीति आयोग के एक वक्तव्य के अनुसार इस बैठक में देश के सामने लंबित कई मुद्दों पर चर्चा होगी। 'न्यू इंडिया 2022’ के लिये विकास के एजेंडा को भी बैठक में मंजूरी मिलने की उम्मीद है। बैठक में महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती समारोह जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा होने की उम्मीद है।
दिल्ली में गर्म है सियासी माहौल
नीति आयोग की बैठक के हंगामाखेज होने के आसार हैं। एक तरफ जहां दिल्ली के सीएम अरविन्द केजरीवाल के धरने को लेकर तीसरे मोर्चे के नेताओं की रणनीति पीएम को घरने की है। कल केजरीवाल के धरने के छठे दिन शाम को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी समेत देश के चार राज्यों के मुख्यमंत्री केजरीवाल से मिलना चाहते थे। इसके लिए चारों सीएम ने एलजी अनिल बैजल से लिखित में समय मांगा लेकिन समय न मिलने से नाराज सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि संवैधानिक लिहाज से ये अच्छी बात नहीं है। उन्होंने इस मुद्दे कोविवार को पीएम मोदी के साथ नीति आयोग की बैठक में उठाने की धमकी दी है।
इससे पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, केरल के सीएम पी विजयन, कर्नाटक के कुमारस्वामी और आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू ने केजरीवाल के घर जाकर उनकी पत्नी और परिवार से मुलाकात की। इसके बाद चारों मुख्यमंत्रियों ने संयुक्त रूप से दिल्ली के सीएम के पक्ष में प्रेस कॉन्फ्रेंस की।
क्या है नीति आयोग
नीति आयोग भारत सरकार द्वारा गठित एक संस्थान है जिसे योजना आयोग के स्थान पर बनाया गया है। 1 जनवरी 2015 को इस नए संस्थान के संबंध में जानकारी देने वाला मंत्रिमंडल का प्रस्ताव जारी किया गया था । यह संस्थान सरकार के थिंक टैंक के रूप में सेवाएं देता है और उसे निर्देशात्मक एवं नीतिगत गतिशीलताप्रदान करता है। नीति आयोग, केन्द्र और राज्य सरकारों को नीति के प्रमुख कारकों के संबंध में प्रासंगिक महत्वपूर्ण एवं तकनीकी परामर्श उपलब्ध करता है। नाती आयोग के अध्यक्ष भारत के प्रधानमंत्री होते हैं। इसकी गवर्निंग काउंसिल में राज्यों के मुख्यमंत्री और केन्द्रशासित प्रदेशों के मुख्यमंत्री या उपराज्यपाल शामिल होते हैं।
सभी राज्यों के मुखयमंती इस आयोग के पदेन सदस्य होते हैं। भारत के प्रधानमंत्री के निर्देश पर क्षेत्रीय परिषदों की व्यवस्था भी इसके अंर्तगत की जाती है। इनमें संबंधित क्षेत्र के राज्यों के मुख्यमंत्री और केन्द्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपाल शामिल होते हैं। इसके अलावा किसी विशेष संबंधित कार्य क्षेत्र की जानकारी रखने वाले विशेषज्ञ और कार्यरत लोग, विशेष आमंत्रित के रूप में प्रधानमंत्री द्वारा नामित किए जाते हैं।
Published on:
17 Jun 2018 08:45 am
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