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Vikas Dubey Encounter: कानपुर गोलीकांड की अब SIT करेगी जांच, 31 जुलाई तक सौंपेगी रिपोर्ट

Kanpur Encounter को लेकर Yogi Government ने इस पूरे मामले की जांच के लिए एक SIT का गठन किया SIT घटना से जुड़े प्रकरण की गहन अभिलेखीय और स्थलीय जांच कर 31 जुलाई तक शासन को रिपोर्ट सौंपेगी

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Vikas Dubey Encounter: कानपुर गोलीकांड की अब SIT करेगी मामले की जांच, 31 जुलाई तक सौंपेगी रिपोर्ट

Vikas Dubey Encounter: कानपुर गोलीकांड की अब SIT करेगी मामले की जांच, 31 जुलाई तक सौंपेगी रिपोर्ट

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के कानपुर में हुए गोलीकांड ( Kanpur Encounter ) को लेकर योगी सरकार ( Yogi Government ) ने इस पूरे मामले की जांच के लिए एक एसआईटी ( SIT ) का गठन किया है। अपर मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी ( Additional Chief Secretary Sanjay Bhoosreddy ) की अध्यक्षता में गठित की गई एसआईटी में एडीजी हरिराम शर्मा ( ADG Hariram Sharma in SIT )और डीआईजी ज़े रविन्द्र गौड़ ( DIG Z Ravindra Gaur ) भी शामिल हैं। SIT घटना से जुड़े विभिन्न बिन्दुओं और प्रकरण की गहन अभिलेखीय और स्थलीय जांच कर 31 जुलाई तक शासन को रिपोर्ट सौंपेगी।

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सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि एसआईटी के जरिए विकास दुबे और पुलिस के रिश्तों के साथ उस पर अब तक एक्शन न होने के कारणों की भी जांच की जाएगी। इसके अलावा विकास दुबे के एक साल के कॉल रिकॉर्ड की भी जांच होगी। एसआईटी के जरिए जांच की जाएगी कि विकास दुबे के खिलाफ अब तक जितने भी मामले थे उन पर कितनी प्रभावी कार्रवाई की गई। अभियुक्त विकास दुबे तथा उसके साथियों के विरूद्घ गैंगेस्टर एक्ट, गुण्डा एक्ट, एनएसए आदि अधिनियमों के अन्तर्गत क्या कार्रवई की गई तथा यदि कार्रवाई किए जाने में लापरवाही रही तो किस स्तर पर लापरवाही रही।

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इसके अलावा विकास दुबे के खिलाफ आई शिकायतों पर थानाध्यक्ष चौबेपुर और जनपद के अन्य अधिकारियों के जरिए क्या जांच की गई और क्या कार्रवाई हुई,इसका पता लगा जाएगा।एसआईटी इन सवालों के भी जवाब तलाशेगी किअभियुक्त विकास दुबे के विरूद्घ जितने भी अभियोग है उन पर अब तक क्या प्रभावी कार्रवाई की गयी। इसके तथा इसके साथियों को सजा दिलाने हेतु त कार्रवाई क्या पर्याप्त थी। इतने विस्तृत आपराधिक इतिहास वाले अपराधी की जमानत निरस्तीकरण की दिशा में क्या कार्रवाई की गई।

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घटना के दिन क्या अभियुक्तों के पास उपलब्ध हथियारों एवं उसके फायर पावर के विषय में सूचना संकलन में लापरवाही की गयी। यह किस स्तर पर हुई, क्या थानें में इसकी समुचित जानकारी नहीं थी। इस तथ्य को भी जांच करना एवं दोषी यदि कोई हो तो चिन्ह्ति करना। विकास दुबे एवं उसके साथियों के पास शस्त्र लाइसेंस एवं शस्त्र होना ज्ञात हुआ है। यह देखा जाना होगा कि इतने अधिक अपराधों में संलिप्त रहने के बाद भी इनका हथियार का लाइसेंस किसके द्वारा एवं कैसे दिया गया और लगातार अपराध करनें के बाद भी यह लाइसेंस और हथियार उसके पास कैसे बना रहा।

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अभियुक्त विकास दुबे एवं उसके साथियों के द्वारा अवैध रूप से अर्जित सम्पत्ति, व्यापारों एवं आर्थिक गतिविधियों का परीक्षण करते हुए उनके संबंध में युक्तियुक्त अनुशंसाये करना तथा यह भी इंगित करना कि स्थानीय पुलिस ने इस मामले में किसी प्रकार की ढिलाई, लापरवाही या संलिप्तता तो प्रदर्शित नहीं की एवं यदि ऐसा हुआ है, तो किस स्तर के अधिकारी दोषी है?
अभियुक्त विकास दुबे एवं उसके साथियों के द्वारा क्या सरकारी तथा गैर सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जा किया गया है? यदि हां तो इसमें क्या अधिकारियों की भी भूमिका है तथा वह अधिकारी कौन-कौन है, उनका उत्तरदायित्व निर्धारित किया जाए।

इसके अलावा अवैध कब्जा हटवाना जिन अधिकारियों की जिम्मेदारी थी, यदि उनके द्वारा अवैध कब्जा नही हटवाया गया है तो उनका भी उत्तरदायित्व निर्धारित किया जाना सुनिश्चित किया जाएगा


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