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ईरान के समर्थन में खुलकर सामने आया रूस, कहा-परमाणु समझौते का सम्मान करेंं सभी देश

locationनई दिल्लीPublished: Oct 13, 2017 11:31:31 am

Submitted by:

Mohit sharma

ईरान के साथ यह न्यूक्लियर डील छह विश्व शक्तियों (ब्रिटेन, चीन, फ्रांस, रूस, अमेरिका और जर्मनी)जुलाई 2015 में परामाणु समझौता (जेसीपीओए) हुआ था।

Iran nuclear agreement

नई दिल्ली। परमाणु समझौते को लेकर आमने-सामने आए ईरान और अमरीका मामले जहां तनातनी बढ़ती जा रही है, वहीं रूस खुलकर ईरान के समर्थन में आ गया है। रूस ने कहा कि तेहरान परमाणु समझौते का अनुपालन कर रहा है, ऐसे में इस समझौते से अलग नहीं हुआ जा सकता है। रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव की ओर से आए बयान में कहा गया कि ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर संयुक्त व्यापक कार्य योजना (जेसीपीओए) में शामिल सभी पक्षों को इसका सम्मान करना चाहिए।

अमरीकी विदेश मंत्री से की फोन पर बात

रूसी विदेश मंत्रालय के बयान के हवाले से समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, लावरोव ने अमेरिकी विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन से टेलीफोन पर बातचीत की, जिसमें दोनों पक्षों ने परमाणु करार से जुड़ी वर्तमान स्थिति पर चर्चा की। बयान के मुताबिक लावरोव ने इस बात की ओर ध्यान आकृष्ट किया कि ईरान जेसीपीओए के सभी दायित्वों को निभा रहा है और उन्होंने इसके अन्य सह-प्रायोजकों द्वारा इस करार का पालन किए जाने की जरूरत पर बल दिया। डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन 15 अक्टूबर तक कांग्रेस को जानकारी देगा कि ईरान परमाणु करार का पालन कर रहा है या नहीं और अगर पाया जाता है कि ईरान इस करार का पालन नहीं कर रहा तो अमेरिकी सांसद ईरान के खिलाफ प्रतिबंध लगा सकते हैं। लावरोव ने इससे पहले कहा कि यह उनकी समझ से परे है कि अमेरिका कानूनी रूप से इस करार से अलग कैसे होगा।

ऐसे हुआ था करार

आपको बता दें कि ईरान के साथ यह न्यूक्लियर डील छह विश्व शक्तियों (ब्रिटेन, चीन, फ्रांस, रूस, अमेरिका और जर्मनी)जुलाई 2015 में परामाणु समझौता (जेसीपीओए) हुआ था। इसमें ईरान पर परमाणु हथियारों के निर्माण पर रोक लगा दी गई थी। हालांकि ईरान की ओर से अभी तक कोई परमाणु परीक्षण नहीं किया गया है, बावजूद इसके अमरीका इस करार से बाहर आने की बात कह रहा है। ऐसे में करार में शामिल अन्य देश ईरान में समर्थन में आ गए हैं। उनका कहना है कि जब तक ईरान इस करार का अनुपालन करता है, तब इससे बाहर नहीं आया जा सकता।

 

 

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