एर्दोगन ने ऐलान किया है कि सैन्य ताकत को मजबूत करने के लिए तुर्की पाकिस्तान की मदद करेगा और इसके लिए वह अत्याधुनिक युद्धपोत बना रहा है।
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एर्दोगन ने रविवार को तुर्की की नौसेना में एक युद्धपोत को शामिल किए जाने के दौरान कहा कि हमारी नौसेना की जीत का शानदार इतिहास है और इस विरासत को आगे बढ़ाने के लिए इसे आधुनिक और मजबूत किया जा रहा है।
उन्होंने आगे कहा कि हमने एक युद्धपोत का निर्माण शुरू किया है, जिसे पाकिस्तान को बेचा जाएगा। इस युद्धपोत के निर्माण की आधारशिला रखने के मौके पर पाकिस्तानी नौसेना के कमांडर एडमिरल जफर महमूद अब्बासी भी मौजूद थे।
इस बीच एक बार फिर से एर्दोगन ने कश्मीर के बारे में अपनी बातें रखी। इस दौरान उन्होंने कश्मीर की स्थिति की तुलना फिलिस्तीन से की और कहा कि 80 लाख से अधिक कश्मीरी एक खुली जेल में भारतीय अत्याचारों को झेल रहे हैं। एर्दोगन ने घोषणा की कि वह कश्मीर मुद्दा और कश्मीरी लोगों की पीड़ाओं को लगातार उठाते रहेंगे।
PAK के साथ चार युद्धपोत का करार
आपको बता दें कि तुर्की और पाकिस्तान के बीच चार युद्धपोत के लिए करार हुआ है। पाकिस्तान ने 2018 में यह करार किया था। तुर्की पाकिस्तान के लिए जो युद्धपोत बना रहा है वह एमआइएलजीईएम श्रेणी का है।
इस करार के अनुसार, दो युद्धपोत तुर्की में बनाए जाएंगे, जबकि दो का निर्माण पाकिस्तान में किया जाएगा। अत्याधुनिक तकनीकों से लेस एमआइएलजीईएम क्लास के ये युद्धपोत रडार से बचने में सक्षम हैं। इस युद्धपोत की लंबाई 99 मीटर, वजन 24 हजार टन है और इसकी गति 29 नॉटिकल मील है।
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आपको बता दें कि तुर्की उन देशों में शामिल है जो नई तकनीक के साथ अपनी क्षमता पर युद्धपोत के डिजाइन, निर्माण और उनके रखरखाव में सक्षम है। अब तक वह एमआइएलजीईएम क्लास के चार युद्धपोत बनाकर अपनी नौसेना में शामिल कर चुका है।
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