वर्ल्ड ब्लड डोनर डे का उद्देश्य
साल 2004 में वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइज़ेशन (World Health Organization) ने विश्व रक्तदान दिवस की शुरुआत की थी। दुनियाभर में खून की कमी को पूरा करने के उद्देश्य से वर्ल्ड ब्लड डोनर डे मनाया जाता है। नोबल प्राइस विजेता कार्ल लैंडस्टेनर (Karl Landsteiner) को ABO ब्लड ग्रुप सिस्टम खोजने का श्रेय जाता है। 14 जून को कार्ल लैंडस्टेनर की बर्थ एनिवर्सरी मनाई जाती है। कई बार समय पर मरीजों को खून नहीं मिलता है, जिससे उनकी मौत हो जाती है। ऐसे में रक्तदाताओं के द्वारा दिए गए रक्त उन मरीजों के लिए जीवनदान बन जाता है। एक रिपोर्ट के अनुसार, अपने देश में खून की कमी से हर साल करीब 1.36 लाख महिलाओं की मौत हो जाती है। जो पूरी दुनिया में गर्भावस्था और प्रसव के दौरान हुई मौतों का 25.7 प्रतिशत है।
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विश्व रक्तदान दिवस की थीम
डब्ल्यूएचओ के अनुसार, विश्व रक्तदान दिवस 2021 की इटली अपने राष्ट्रीय रक्त केंद्र (एनबीसी) के माध्यम से करेगा। हर साल विश्व रक्तदान दिवस के लिए एक नई थीम रखी जाती है। इस बार इसकी थीम ‘रक्त दो और दुनिया को धड़काते रहो’ (Give Blood and Keep The World Beating) रखी गई है। इस संदेश के तहत लोगों की जिंदगी बचाने और दूसरों के स्वास्थ्य सुधार में सहयोग करके दुनिया को स्पंदित बनाए रखने के लिए रक्तदाओं के महत्वपूर्ण योगदान पर जोर दिया गया है।
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रक्तदान करने के फायदे…
— डेढ़ पाव खून का दान करने से आपके शरीर से 650 कैलोरीज कम होती है।
— वजन कम करने में खून का दान करने से मदद मिलती है। इसीलिए साल 2 बार रक्तदान करना चाहिए।
— आइरन की मात्रा को बैलेंस करने से लिवर हेल्दी बनता है और कैंसर का खतरा भी कम हो जाता है।
— रक्तदान से शरीर में एनर्जी आती है। क्योंकि दान के बाद नए ब्लड सेल्स बनते हैं, जिससे शरीर में तंदरूस्ती आती है।
— रक्तदान से खून का थक्का नहीं जमता, इससे खून कुछ मात्रा में पतला हो जाता है और हार्ट अटैक की संभावनाएं कम होती है।
— खून डोनेट करने से लिवर से जुड़ी समस्याओं में राहत मिलती है। शरीर में ज़्यादा आइरन की मात्रा लिवर पर दवाब डालती है और रक्तदान से आइरन की मात्रा बैलेंस हो जाती है।