
ऑटो रिक्शा को 'स्कूल बस' का दर्जा नहीं, होगी कड़ी कार्रवाई ?
मुंबई. राज्य सरकार को ओर से स्कूल में छात्रों को पहुंचाने वाले ऑटो रिक्शा को 'स्कूल बस' का दर्जा नहीं मिला है। राज्य सरकार ने उच्च न्यायालय को सूचित किया कि भविष्य में ऐसे यातायात की अनुमति नहीं दी जाएगी। वहीं एडवोकेट जनरल आशुतोष कुंभकोणी ने खंडपीठ से कहा कि अगर छात्रों को परिसर से अवैध रूप से ले जाने की कोई अनुमति नहीं है तो उन्हें रोकने के लिए उचित उपाय किए जाएंगे। कुंभकोणी ने आगे कहा कि चूंकि राज्य सरकार छात्रों की सुरक्षा के प्रति संवेदनशील थी, इसलिए ऑटो रिक्शा के माध्यम से छात्रों को ले जाने की अनुमति नहीं थी और भविष्य में इस तरह के किसी भी प्रकार के विचार की अनुमति नहीं है। वहीं बिना अनुमति के छात्रों को स्कूल लाने-ले जाने के लिए रिक्शा चालकों पर पुलिस को कड़ी कार्रवाई करने का भी आदेश दिया गया है।
मोटर वाहन अधिनियम -2012 का हो पालन...
विदित हो कि पेरेंट्स-टीचर्स एसोसिएशन यूनाइटेड फोरम ने छात्रों को लाने-ले जाने के लिए दैनिक चालकों पर जुर्माना लगाया। वहीं हाईकोर्ट में भी याचिका दायर कर मांग की गई है कि राज्य सरकार को इस संबंध में उचित आदेश दिए जाएं। साथ ही याचिका में मांग की गई है कि राज्य सरकार को मोटर वाहन अधिनियम -2012 के तहत स्कूल बस सुरक्षा संबंधी नियमों का कड़ाई से अनुपालन करने का आदेश देना चाहिए। याचिका पर बुधवार दोपहर सुनवाई हुई। न्यायमूर्ति एस. सी. धर्माधिकारी और जस्टिस रियाज छागला उनके सामने पेश हुए। इस संबंध में सरकार का पक्ष सुनने के बाद पीठ ने घोषणा की है कि अगले शुक्रवार को फैसला लिया जाएगा।
Published on:
22 Nov 2019 02:21 pm
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