
BREAKING: Maha Good News: कोविड 19 के लिए संजीवनी साबित होगा यह जेल, आईआईटी बॉम्बे की पहल!
रोहित के. तिवारी
मुंबई. जहां देश भर में कोरोना वायरस लोगों की चिंताओं का सबब बना हुआ है। ऐसे में इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT Bombay) की ओर से गुरुवार को एक राहत देने वाली खबर सामने आई। आईआईटी बॉम्बे की ओर से "पत्रिका" को बताया गया कि जल्द ही एक ऐसा जेल विकसित किया जा रहा है, जिसे नाक में लगाने के बाद कोविड-19 के वायरस इंसान में प्रवेश नहीं कर सकेंगे। दरअसल, शोधकर्ताओं का मानना है कि महामारी कोविड-19 के वायरस अधिकतर नाक, कान से ही प्रवेश करते हैं, जबकि इस जेल के लगाने से महामारी कोरोना वायरस के लक्षणों का किसी भी तरह का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
संबंधित विभागों से मिली मंजूरी...
दरअसल, कोविड-19 को निष्क्रिय करने के लिए आईआईटी बॉम्बे को डिपार्टमेंट ऑफ बायोसाइंसेज एंड बायोइंजीनियरिंग (डीबीबी) के सहयोग से डिपार्टमेंट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (डीएसटी) समेत साइंस एंड इंजीनियरिंग रिसर्च बोर्ड (एसईआरबी) की ओर से मंजूरी मिल गई है। वहीं इस जेल के विकसित होने से जहां स्वास्थ्य प्रणालियों को उनकी सुरक्षा के लिए सहायकता मिलेगी तो वहीं नाक में लगाने के बाद महामारी कोरोना वायरस से लड रहे डॉक्टर्स, नर्स समेत अन्य कर्मचारियों को भी इससे बडी संख्या में लाभ पहुंचेगा।
नौ महीने बाद 200 प्रतिशत सुरक्षा...
डीबीबी समेत आईआईटी बॉम्बे के संबंधित प्रोफेसर्स इस परियोजना का हिस्सा होंगे। यह एक डिजटर्जेंट के समान फंसे हुए वायरस को पूरी तरह से निष्क्रिय कर देने में सक्षम होगा। वहीं इस संकट से जूझ रहे स्वास्थ्य कर्मचारियों को इस जेल से 200 प्रतिशत सुरक्षा मिलना तय है। हालांकि करीब नौ महीने के प्रयोग के बाद इस जेल को नाक पर लगाया जा सकेगा, जिससे लोगों की अच्छे से सुरक्षा हो सकेगी।
- प्रो. आशुतोष शर्मा, सचिव, डीएसटी
Updated on:
10 Apr 2020 12:27 am
Published on:
10 Apr 2020 12:09 am
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