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Mumbai News : महामारी की चुनौती: मॉनसून के दौरान हवा में होती है ज्यादा नमी

बारिश का मजा किरकिरा कर सकता है कोरोना
सर्दी-खांसी-जुकाम के साथ डेंगू-मलेरिया बन सकते हैं खतरनाक
बारिश के दौरान डेंगू-मलेरिया और वायरल बुखार के मामले बढ़ेंगे। इनके लक्षण भी कोविड-19 की तरह हैं।

मुंबईJul 09, 2020 / 06:24 pm

Binod Pandey

Mumbai News : महामारी की चुनौती: मॉनसून के दौरान हवा में होती है ज्यादा नमी

Mumbai News : महामारी की चुनौती: मॉनसून के दौरान हवा में होती है ज्यादा नमी

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
मुंबई. चीन के वुहान शहर से निकला कोरोना वायरस लगभग पूरी दुनिया में फैल चुका है। भारत में 7.50 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं। महामारी 20 हजार से ज्यादा लोगों की जान ले चुकी है। ठंडी और गर्मी कोरोना के खिलाफ लड़ाई में कब गुजर गई, पता ही नहीं चला। अब आशंका जताई जा रही है कि बारिश में कोरोना का फैलाव तेजी से हो सकता है। बारिश के बाद देश के कई शहरों में कोरोना मरीजों के अचानक बढ़े आंकड़े न सिर्फ इसके संकेत दे रहे बल्कि हमें सावधान भी कर रहे हैं। बेशक बारिश में भीगने का मजा कुछ और है। लेकिन, कोरोना काल में डॉक्टर इससे बचने की सलाह दे रहे हैं। उनका कहना है कि मॉनसून के दौरान हवा में नमी बढ़ जाती है। तापमान में उतार-चढ़ाव के चलते अक्सर लोग सर्दी-खांसी-जुकाम पीडि़त हो जाते हैं। इस दौरान छींक आती है, जिससे कोविड-19 तेजी से फैल सकता है। इसलिए बरसात के मौसम में बेहद सावधान रहने की जरूरत है।
एहतियात बरतने में भलाई
महाराष्ट्र मेडिकल काउंसिल के अध्यक्ष डॉ. शिव कुमार उत्तुरे कहा, हवा में नमी के चलते कोरोना घटेगा या बढ़ेगा, इस बारे में अभी कुछ नहीं कह सकते। वैसे, एहतियात बरतने में हमारी भलाई ही है। बारिश के दौरान डेंगू-मलेरिया और वायरल बुखार के मामले बढ़ेंगे। इनके लक्षण भी कोविड-19 की तरह हैं। मौसमी बीमारियों से पीडि़त मरीजों की संख्या बढ़ेगी तो निश्चित तौर पर परेशानी होगी।
समस्या की जड़
जानकारों के अनुसार कोविड-19 ड्रॉपलेट से बढऩे वाली बीमारी है। संक्रमित के छींकने या खांसने पर ड्रॉपलेट हवा में फैल जाते हैं। नमी के चलते वायरस ज्यादा देर तक हवा में मौजूद रह सकते हैं। हवा में तैरते वायरस ज्यादा खतरनाक साबित हो सकते हैं।
हवा-पानी शुद्ध नहीं
आयुर्वेद के एमडी डॉ. महेश सिंघवी ने कहा कि बारिश के मौसम में हवा-पानी शुद्ध नहीं होते। इससे हमारी पाचन शक्ति प्रभावित होती है। शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर पड़ जाती है। घर में वेंटिलेशन अ’छा हो, इसका ध्यान रखना चाहिए। खुली-तली हुई चीजें न खाएं। पानी उबालें और छान कर पीएं। पत्ते वाली भाजी से बचें। साबूत मूंग, मसूर, चने जैसे अनाज खाएं। नियमित रूप से सोंठ या अदरख का उबाला पानी पीएं। शरीर और बाल गीला न रखें।
डब्लूएचओ सहमत
ना-नुकुर के बाद अब विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) ने भी मान लिया है कि हवा से कोरोना वायरस फैल सकता है। डब्लूएचओ की अधिकारी बेंडेटा एल्ग्रेंजी ने कहा कि एयरबोर्न ट्रांसमिशन और एयरोसोल ट्रांसमिशन से कोरोना वायरस के फैलाव हम इनकार नहीं कर सकते हैं। पहले डब्लूएचओ ने कहा था कि कोरोना संक्रमण मुंह, नाक और संक्रमित सतह छूने से फैलता है। विदित हो कि &2 देशों को 239 वैज्ञानिकों ने डब्लूएचओ को चिट्ठी लिखी है कि कोरोना हवा से भी फैलता है।

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