अपने आदेश पत्र में कोंकण आयुक्त ने
ठाणे के जिलाधिकारी के 7 दिसंबर, पूर्व सांसद सुरेश टावरे और पूर्व विधायक रशीद ताहिर मोमिन द्वारा 12 दिसंबर को लिए गए लिखित आपत्ति का भी जिक्र किया है। मनपा के प्रभारी सचिव अनिल प्रधान ने भी इस बात की पुष्टि की है।
मालूम हो कि स्थाई समिति के चुनाव के लिए
विधानसभा चुनाव से पहले ही नामांकन पत्र भरा गया था। लेकिन विधान सभा चुनाव के चलते यह स्थगित कर दिया गया था। इसके बाद नया महापौर बनने के बाद 13 दिसंबर को इसे कराने की घोषणा हुई थी। इस घोषणा के बाद 12 दिसंबर को पूर्व सांसद टावरे और पूर्व विधायक मोमिन ने इस अपर आपत्ति जताते हुए
कोंकण आयुक्त से लिखित तौर पर कहा था कि जब कोई चुनावी प्रक्रिया शुरू होती है तो वह स्थगित होकर फिर बीच में शुरू नहीं होती। कोंकण आयुक्त के पत्र में यह भी उल्लेखित है कि मुंबई प्रांतिक महानगरपालिका अधिनियम 2007 की धारा 2 (3) के मुताबिक़ स्थाई समिति, परिवहन समिति, प्रभाग समिति सहित अन्य मनपा समितियों के सभापतियों के चुनाव के लिए बुलाई गई विशेष बैठक रद्द अथवा स्थगित नहीं की जा सकती। जबकि ये सभा स्थिगित होने के साथ-साथ इसकी प्रक्रिया को शुरू हुए 37 दिन से ज्यादा हो चुका है और इस दौरान इस चुनाव के पीठसीन अधिकारी भी नए नियुक्त किए गए हैं।
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मालूम हो कि 16 सदस्यीय
भिवंडी मनपा स्थाई समिति में कांग्रेस के आठ, भाजपा के चार, कोणार्क के दो और शिवसेना के 2 सदस्य हैं। जिसमें स्थाई समिति के कांग्रेस के 8 सदस्यों में से तीन बागी सदस्य हैं। सभापति के चुनाव के लिए कांग्रेस से इमरान खान और हलीम अंसारी सहित भाजपा से स्थानीय सांसद के भतीजे सुमित पाटिल सहित कुल तीन लोगों ने नामांकन दाखिल किया था। लेकिन इमरान खान अब चूकि उप महापौर बन चुके हैं। इसलिए वे अपना नामांकन वापस लेने वाले थे। बता दें कि इससे पहले
सभापति पद पर दो बार कांग्रेस के इमरान खान और वर्तमान में शिवसेना के मदन कृष्णा नाईक हैं। इस चुनाव की सबसे मज़ेदार बात यह थी कि कांग्रेस पार्टी के गट नेता हलीम अंसारी जो कांग्रेस के उम्मीदवार भी हैं। उन्होंने खुद अपने पक्ष में मतदान करने के लिए व्हिप जारी किया था।