
अब जल्द करेंगे उड़ने वाली टैक्सी की सैर, IIT Bombay के टेक फेस्ट में अनोखा नजारा
रोहित के. तिवारी
मुंबई. आजकल हर तरह यात्रियों के लिए उनके गंतव्य तक पहुंचाने वाले यातायात की भारी भीड़ शहर के हर कोने में देखी जा सकती है। इसके चलते अब शोधकर्ताओं ने यातायात को सुलभ करने के इरादे से उड़ान भरने वाली एक टैक्सी का विकल्प ढूंढ़ निकाला है। सड़क से उड़ने वाली टैक्सी आईआईटी बॉम्बे में आयोजित टेकफेस्ट के दैरान लोगों के आकर्षण का केंद्र रही। बता दें नासिक के तकनीशियनों ने इस 'एयरो हंस' टैक्सी को विकसित किया है। बैटरी से चलने वाली इस टैक्सी में अधिकतम चार लोग यात्रा कर सकते हैं और यह पूरी तरह से एक भारतीय निर्मित टैक्सी है। वहीं दूसरी तरफ टेकफेस्ट के दूसरे दिन के आयोजन में रोबोटथेस्पिएन भी भारी भीड़ के बीच आकर्षण का गवाह बना।
देश में पहली बार होगा ऐसा, IIT Bombay के techfest में रोबोवॉर ?
बाजार में 2 वर्ष बाद...
ड्रोन के लिए उपयोग किए जाने वाले उड़ान नियंत्रक हार्डवेयर का निर्माण अब तक चीन में किया गया था। वहीं पैसेंजर ड्रोन रिसर्च लिमिटेड ने यह प्रणाली बनाई है, जिसे अब जल्द ही बाजार में उपलब्ध कराया जाएगा। इस टैक्सी के निर्माण में शामिल एक तकनीशियन सौरभ जोशी ने बताया कि एयरो हंस का अंतिम संस्करण अगले साल तक तैयार हो जाएगा और अगले दो वर्षों में उन्हें बाजार में उपलब्ध कराया जाएगा।
2018 में हुई थी कंपनी की स्थापना...
पैसेंजर ड्रोन रिसर्च लिमिटेड की स्थापना 1 अक्टूबर 2018 को की गई थी। तभी से टैक्सी के निर्माण में नासिक के सौरभ जोशी के साथ अनिल चंडेल, सर्वेश चिनागी, विशाल धारणकर, शेखर बोरसे, नीलेश पवार मेहनत कर रहे हैं। वहीं इस टीम में 20 और लोगों को जोड़ा गया है।
भारी भीड़ को बताने वाला सिस्टम...
आईआईटी के छात्रों ने भीड़-भाड़ वाली जगहों पर लोगों की आवाजाही की सूचना देने के लिए एक प्रणाली विकसित की है। हवाई अड्डे, रेलवे स्टेशन या कुछ विशिष्ट स्थानों पर चलने, बैठने, खड़े होने, बात करने जैसी जानकारियों की लोगों को जानने की जिज्ञासा होती है। इसके अलावा किसी भी अलग जानकारी के लिए इस तंत्र के माध्यम से निर्देश प्राप्त किया जा सकता है। इस प्रणाली में कुछ स्थानों के अनुसार अपेक्षित हलचलें दर्ज की गई हैं। उस स्थान पर प्रत्येक व्यक्ति को एक अलग कैमरे में देखा जा सकता है। वहीं अपेक्षित आंदोलनों और अप्रत्याशित आंदोलनों के बीच यह प्रणाली सुरक्षा प्रणाली को सूचित करेगी। आईआईटी बॉम्बे के मास्टर ऑफ इंजीनियरिंग (एम-टेक) पाठ्यक्रम के द्वितीय वर्ष के छात्र अश्विनी कुमार शर्मा ने इस प्रणाली को तैयार किया है।
भूकंप की जानकारी देने वाला ऐप...
- कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने एक भूकंप भविष्यवाणी ऐप को विकसित किया है।
- यदि गंभीर सतह तरंगें हैं तो नुकसान से बचने के लिए तरंगों की तीव्रता को 15 से 20 सेकंड पहले बढ़ाने की सूचना दी जा सकती है। वहीं इस संदर्भ में आईआईटी बॉम्बे के धीरज कुमार प्रजापति ने बताया कि इस ऐप की तरह भारत के विभिन्न हिस्सों से सिस्टम के विकास के लिए जानकारी एकत्र की जा रही है।
Updated on:
06 Jan 2020 10:43 pm
Published on:
06 Jan 2020 10:11 am
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