
खतरनाक इमारतें खाली कराना शुरू, म्हाडा का पुनर्विकास अभियान?
- रोहित के. तिवारी
मुंबई. मुंबई के डोंगरी में एक इमारत में हुए हादसे के बाद जागे म्हाडा ने खतरनाक इमारतों को खाली करना शुरू कर दिया है। म्हाडा ने कार्रवाई करते हुए पहली बार में भिंडी बाजार के पुनर्विकास को लेकर प्रभाग में खतरनाक इमारतों के निवासियों को ट्रांजिट शिविर और अन्य जगहों पर स्थानांतरित करने के लिए पहले चरण का अभियान शुरू कर दिया है। म्हाडा पुनर्वास और मरम्मत विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, म्हाडा सालाना बारिश से पहले खतरनाक इमारतों की एक सूची की घोषणा करता है। निवासियों को तत्काल हटाने के लिए नोटिस भी जारी किया जाता है।
इसलिए मजबूर होते हैं निवासी...
विदित हो कि नोटिस के बावजूद अधिकतर निवासी अपने दम पर उसी खतरनाक इमारत में रहते हैं। दरअसल, म्हाडा की ओर से निवासियों का समर्थन नहीं मिलता है, इसलिए म्हाडा को निवासियों को खुश करने के लिए काफी समय बिताना लगता है। अधिकतर संक्रमण शिविर निवासियों को दूर दराज दिए जाते हसि, जिंदल चलते रोजगार समेत बच्चों के स्कूलों और कॉलेजों की दूरी अधिक बढ़ जाती है। इसलिए रहिवासी अपनी जाम जोखिम में डाल उसी स्थान पर रहने को मजबूर होते हैं।
एक महीने में स्थानांतरण...
उल्लेखनीय है कि एक खतरनाक इमारत को खाली करने की प्रक्रिया के अनुसार, 70 प्रतिशत निवासियों की आवश्यकता होती है बाद में एक ट्रांजिट कैंप या अस्थायी निवास सुविधा के लिए लिखित गारंटी डेवलपर की ओर से आवश्यकतानुसार निवासियों को प्रदान की की जाती है। म्हाडा के अधिकारियों ने कहा कि डेवलपर्स और निवासियों के बीच विवाद को हल किया जाना था। यदि निवासियों को म्हाडा की ओर से सुनने के बाद भी परिसर छोड़ने के लिए तैयार नहीं हैं, तो उन्हें इमारत खाली करने के लिए मजबूर किया जाता है। भिंडी बाजार के पुनर्विकास के तहत 2900 निवासियों और 850 कॉमर्शियल किरायेदारों ने पुनर्विकास के लिए सहयोग किया है और इन नागरिकों को एक महीने के भीतर स्थानांतरित कर दिया जाएगा।
Published on:
26 Sept 2019 10:46 am
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