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दशहरा रैली में उद्धव ठाकरे को लगा बड़ा झटका, कद्दावर नेता ने छोड़ा साथ, शिंदे सेना में शामिल

Uddhav Thackeray : राजन तेली ने दावा किया है कि उन्हें उद्धव ठाकरे की शिवसेना उबाठा में काम करने का मौका नहीं मिल रहा था।

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मुंबई

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Dinesh Dubey

Oct 03, 2025

Rajan Teli Joins Shiv Sena

राजन तेली शिवसेना शिंदे गुट में शामिल (Photo: X)

मुंबई में दो अक्टूबर को शिवसेना के दोनों गुटों की दशहरा रैली हुई। इस दौरान उद्धव ठाकरे को तब तगड़ा झटका लगा जब सिंधुदुर्ग के पूर्व विधायक राजन तेली (Rajan Teli Join Shiv Sena) ने एकनाथ शिंदे नीत शिवसेना का दामन थामा। राजन तेली को मंच पर ही एकनाथ शिंदे ने पार्टी की सदस्यता सौंपी। दिलचस्प बात यह है कि पिछले साल अक्टूबर में ही उन्होंने राणे परिवार की कथित एकाधिकारशाही का विरोध कर ठाकरे गुट में प्रवेश किया था। लेकिन महज एक साल में ही उन्होंने उद्धव ठाकरे से दूरी बना ली।

राजन तेली का नाम सिंधुदुर्ग में भाजपा और शिवसेना की राजनीति से लंबे समय से जुड़ा रहा है। 2014 के विधानसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार के रूप में उन्होंने शिवसेना के दीपक केसरकर के खिलाफ चुनाव लड़ा था। उस समय उन्हें करारी हार झेलनी पड़ी थी। 2019 में भी उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा, लेकिन केसरकर ने तीसरी बार लगातार जीत दर्ज की। कई वर्षों तक तेली ने केसरकर को कड़ी चुनौती दी, लेकिन सत्ता उनसे दूर ही रही। केसरकर भी शिंदे गुट में है।

कौन हैं राजन तेली?

कुडाल के निवासी राजन तेली ने 1985 में कणकवली कॉलेज में विद्यार्थी सेना से राजनीति की शुरुआत की। उन्हें 1988 में कणकवली के शिवसेना शाखा प्रमुख की जिम्मेदारी मिली, इसके बाद 1991 में वह शिवसेना सिंधुदुर्ग जिला प्रमुख बने। 1995 में वह जिला परिषद अध्यक्ष चुने गए। 2005 में नारायण राणे के साथ कांग्रेस में प्रवेश किया। फिर 2007 में विधान परिषद सदस्य निर्वाचित हुए।

राजन तेली 2012 में सिंधुदुर्ग जिला केंद्रीय सहकारी बैंक के चेयरमैन बने। वह 2016 में भाजपा राज्य सचिव का पद भी संभाल चुके है। उन्हें 2020 में भाजपा ने सिंधुदुर्ग जिला प्रमुख बनाया था। हालांकि अब शिंदे गुट में शामिल होकर उन्होंने एक बार फिर अपने राजनीतिक भविष्य के नए रास्ते तलाशने की कोशिश की है। हालांकि उन्होंने कहा कि वह अब मरते दम तक शिवसेना में रहेंगे।

क्यों छोड़ा ठाकरे का साथ?

राजन तेली ने दावा किया है कि उन्हें उद्धव ठाकरे की पार्टी शिवसेना में काम करने का मौका नहीं मिल रहा था। उन्होंने कहा, मैंने कोई पद नहीं मांगा। लेकिन हमें सभी कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर काम करना चाहिए। मैं किसी भी पार्टी से नाराज नहीं हूं। वे सभी अच्छे हैं। इसलिए उनसे नाराज होने का कोई सवाल ही नहीं है। मुद्दा यह है कि काम करने का अवसर मिलना चाहिए और आम जनता का काम पूरा होना चाहिए।

कहीं ये तो नहीं असली वजह?

कोंकण क्षेत्र में अच्छी पकड़ रखने वाले राजन तेली के शिंदे गुट में शामिल होने के बाद सिंधुदुर्ग की राजनीति में हलचल मच गई है। चर्चा है कि जिला बैंक कर्ज प्रकरण में कार्रवाई से बचने के लिए उन्होंने यह कदम उठाया। दरअसल, राजन तेली और उनके परिजनों समेत आठ लोगों पर सिंधुदुर्ग जिला केंद्रीय सहकारी बैंक के कर्ज में गड़बड़ी और फर्जीवाड़े का आरोप है। इस मामले में बैंक के प्रबंधक विश्वनाथ दोरलेकर ने शिकायत दर्ज कराई थी।

शिकायत के मुताबिक 2021 से 2022 के बीच बैंक कर्ज का दुरुपयोग कर गलत लेनदेन किए गए। इसमें राजन तेली के साथ उनके परिवार के सदस्य प्रथमेश राजन तेली, सर्वेश राजन तेली, राजन कृष्णा तेली, रुजिता राजन तेली और अन्य लोगों के नाम शामिल हैं। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए मुंबई सीबीआई की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा ने जांच शुरू की है। सियासी हलकों में चर्चा है कि इस कार्रवाई से बचने के लिए ही राजन तेली दशहरा के मौके पर शिंदे खेमे में शामिल हुए।