घटनाक्रम के अनुसार थाना पुरकाजी में दो दर्जन से भी ज्यादा ग्राम प्रधान धरने पर बैठ गए। धरने पर बैठे ग्राम प्रधानों ने आरोप लगाया कि पुरकाजी ब्लॉक के प्रधान संगठन के अध्यक्ष शक्ति मोहन और गांव धमात के प्रधान सचिव गुज्जर के साथ पुलिस क्षेत्राधिकारी ने अभद्रता की और उन्हे अपने कमरे से बाहर निकाल दिया। ग्राम प्रधानों का गुस्सा इस बात काे लेकर था कि जब पुलिस अफसर ( muzaffarnagar police ) जनप्रतिनिधियों के साथ इस तरह से पेश आते हैं तो आम आदमी के साथ कैसा व्यवहार करते होंगे ?
घटना 16 मई की है। थाना पुरकाजी क्षेत्र के गांव धमात की एक महिला अपने छोटे-छोटे बच्चों को छोड़कर अपने प्रेमी के साथ फरार हो गई थी। इसी मामले में लापता महिला के ससुराल पक्ष के लोगों ने थाने में मामला दर्ज कराया था। बताया जाता है कि महिला अपने प्रेमी व वकील के साथ सीओ सदर के ऑफिस में अपने बयान दर्ज कराने के लिए पहुंच गई। मामले की जानकारी पीड़ित परिवार को लगी तो वह भी मौके पर पहुंच गए। महिला के परिजनों के साथ ग्राम प्रधान धमात सचिन गुर्जर और पुरकाजी के प्रधान संगठन के अध्यक्ष शक्ति मोहन भी पहुंचे थे।
आरोप है कि उक्त प्रधानों ने इस मामले में सीओ सदर से जानकारी चाहिए थी की महिला क्या चाहती है ? आरोप है कि इस पर पुलिस क्षेत्राधिकारी उनसे पर बिफर पड़े और उन्हें जेल तक भेजने की धमकी दे डाली। आरोप यह भी है कि सीओ सदर ने प्रधानों को अपने ऑफिस से बाहर निकाल दिया जिसके बाद गुस्साए प्रधानों ने संगठन के लोगों के साथ बैठक कर पुरकाजी थाने में धरना प्रदर्शन करने का निर्णय किया। बाद में यह मामला अफसरों के हस्तक्षेप से मामला निपट गया।