
पुलिस की छापेमारी में बड़ा खुलासाः यूपी को दहलाने के लिए यहां तैयार किया जा रहा था मौत का सामान
मुजफ्फरनगर. अवैध हथियारों का गढ़ बन चुके मुजफ्फरनगर में अवैध हथियार बनाने वाले पुलिस के टारगेट पर है। पुलिस ने अब अवैध हथियार बनाने वाले और सप्लाई करने वाले लोगों पर अंकुश लगाना शुरू कर दिया है। यही कारण है कि साल 2018 के आखिरी दिन यानी 31 दिसंबर को जिले में दो तमंचा फैक्ट्री व अलग-अलग थानों से लगभग 50 अवैध हथियारों के साथ दो दर्जन से भी ज्यादा लोग गिरफ्तार हुए हैं और नए साल 2019 में भी पुलिस को एक और बड़ी सफलता हाथ लगी है, जिसमें पुलिस ने एक अवैध तमंचा फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने यहां से भारी संख्या में बने और अधबने तमंचे के साथ तमंचे बनाने के उपकरण के साथ एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। जबकि एक आरोपी फरार होने में कामयाब हो गया।
दरअसल, पिछले कई दशक से मुजफ्फरनगर अवैध तमंचा फैक्ट्रियों के संचालन को लेकर चर्चा में रहा है। जिले में थाना बुढ़ाना का गांव जोला व मंडवाड़ा सहित कई गांव ऐसे हैं, जिनमें अवैध असलाह बनाने को वहां के लोग कुटीर उद्योग के रूप में स्थापित कर चुके हैं। हालांकि कुछ समय से पुलिस का दबाव बढ़ने के कारण इन लोगों ने अपना गांव छोड़कर दूसरे स्थानों पर अवैध हथियार बनाने शुरू कर दिए हैं। इसी के चलते जनपद में लगातार अलग-अलग थाना क्षेत्रों में तमंचा फैक्ट्री पकड़ी जाती रही है। मामला थाना तितावी क्षेत्र का है, जहां सोमवार की शाम पुलिस को मुखबिर द्वारा सूचना मिली थी कि गांव छतेला के जंगल में कुछ लोग अवैध तमंचे बनाने का काम कर रहे हैं। इसी सूचना पर पुलिस ने रात में ही तमंचा फैक्टरी पर छापेमारी कर दी, जिसमें तमंचा बनाने का एक आरोपी अफजाल पुत्र खचेड़ू निवासी गांव जौला को मौके से गिरफ्तार किया है। जबकि उसका एक अन्य साथी तमंचा बनाने का मुख्य आरोपी निसार पुत्र अफलातून निवासी जोला पुलिस को चकमा देकर भागने में कामयाब रहा।
पुलिस ने मौके से भारी मात्रा में बने व अधबने तमंचे और तमंचा बनाने के उपकरण बरामद किए हैं। पकड़ा गया आरोपी अफजाल कई सालों से तमंचा बनाने के कारोबार में लिप्त है। जबकि फरार आरोपी निसार तमंचा बनाने के आरोप में पहले भी जेल जा चुका है। एसएसपी सुधीर कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि जनपद में अब पुलिस पूरी तरह से अलर्ट है, जिसमें जनपद में तमंचा बनाने के अवैध कारोबार से जुड़े लोगों पर पूरी तरह से अंकुश लगाया जा रहा है, ताकि यह लोग जेल से बाहर आकर दोबारा यही कारोबार शुरू न कर दें इसके लिए कठोर कार्रवार्इ की जा रही है।
Updated on:
02 Jan 2019 03:49 pm
Published on:
02 Jan 2019 03:48 pm
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