9 जून को खतौली पुलिस ने थाना सिविल लाइन क्षेत्र की ब्रह्मपुरी कॉलोनी के रहने वाले विकास को शांति भंग करने की आशंका में जेल भेजा था। इसे पहले अस्थाई जेल कव्वाल में भेजा गया। इसी बीच 10 जून को जानसठ पुलिस ने शिक्षक की हत्या के मामले में हत्यारोपी अजित उर्फ अजय को भी गिरफ्तार कर जेल भेजा था। अजित को भी पहले अस्थाई जेल भेजा गया और 16 जून को इन दोनों को अस्थाई जेल से जिला जेल में शिफ्ट कर दिया गया।
हत्यारोपी अजित ने अस्थाई जेल से ही फरार होने की योजना बना ली थी। जब इन्हें जिला जेल भेजा गया तो यहां दोनों ने षड्यंत्र के तहत अपनी पहचान एक दूसरे के नाम पर दर्ज करा दी और अपने शरीर के पहचान चिन्ह भी एक दूसरे के बता दिए। 21 जून को एसडीएम खतौली ने बंदी विकास की रिहाई के आदेश कर दिए। षड्यंत्र के तहत हत्यारोपी अजित जेल से बाहर आ गया और फरार हो गया। इस बात का किसी को पता तक नहीं चल सका।
इतनी बड़ी घटना हो जाने के बाद भी जिला जेल में सब कुछ सामान्य ही चल रहा था। अजित के फरार होने के करीब 19 दिन बाद इसी मामले में दूसरे हत्यारोपी ने इस खेल का खुलासा किया तो जिला कारागार में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में अजित की तलाश शुरू की गई और सिविल लाइन में उसके खिलाफ मामला दर्ज कराया गया। अब भागे हुए आरोपी की लोकेशन पुलिस को गाजियाबाद में मिली है इस आधार पर मुजफ्फरनगर पुलिस की एक टीम गाजियाबाद भेजी गई है।