
इस बड़े किसान नेता के जीवन पर आधारित पुस्तक के विमोचन में पहुंचे दिग्गज, देखें वीडियो-
मुजफ्फरनगर. क्रांतिकारी किसान नेता और कभी के जमाने मे किसानों के मसीहा चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत के नेतृत्व में जमीन से जुड़े आंदोलनों में सक्रिय भूमिका निभाने वाले स्वर्गीय चन्द्रपाल फौजी के जीवन पर आधारित पुस्तक का मंगलवार को विमोचन किया गया। किसान नेता अशोक बालियान द्वारा लिखी इस पुस्तक के विमोचन कार्यक्रम में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत, चौधरी राकेश टिकैत समेत सैकड़ों किसान और किसान नेता मौजूद रहे। इस दौरान किसान नेता चंद्रपाल फौजी के किसानों के हित में किए गए काम को लेकर उन्हें याद किया गया। इसके साथ ही मौजूद लोगों ने चंद्रपाल फौजी के बेटे मोहित बालियान को भारतीय किसान यूनियन में शामिल कराकर किसानों की सेवा मे लगने का आह्वान किया।
बता दें कि पश्चिम उत्तर प्रदेश के बड़े किसान नेता और भारतीय किसान यूनियन के संस्थापक चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत के सिपाही के रूप में रहे चंद्रपाल फौजी का निधन 23 मार्च को हो गया था। चंद्रपाल फौजी की मृत्यु के 1 माह बाद पीजेंट वेलफेयर एसोसिएशन के चेयरमैन एवं किसान नेता अशोक बालियान द्वारा लिखित इस पुस्तक का विमोचन एक समारोह में भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत, किसान नेता व लेखक अशोक बालियान, समाजसेवी सुभाष चौधरी, भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत, भाकियू प्रवक्ता धर्मेन्द्र मलिक, भाकियू के जिलाध्यक्ष राजू अहलावत, विकास बालियान, संजीव खोकर की मौजदगी में किया गया।
इस दौरान नरेश टिकैत ने कहा कि स्वर्गीय चन्द्रपाल फौजी ने एक किसान के परिवार में जन्म लेकर सेना में देश की सेवा की तथा सेना के बाद किसानों के लिए लम्बा संघर्ष किया है। और इस किताब के रूप में पाठकों के समक्ष यही सब प्रस्तुत करने का प्रयास किया है। सेना में नौकरी करने के बाद वह किसान आंदोलन में कूद पड़े थे और भाकियू में पहले जिलाध्यक्ष और बाद में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष रहे। लेखक एवं किसान नेता अशोक बालियान ने फौजी से जुड़े अपने संस्मरण साझा करने के साथ उनकी जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि किसानों के हितों की बात को हर वक्त अपनी पहली प्राथमिकता रखने वाले फौजी का किया गया संघर्ष लोगों को हमेशा याद रहेगा।
समाजसेवी सुभाष चौधरी ने कहा कि देश के किसान किसान आन्दोलन को चैधरी महेन्द्र सिंह टिकैत ने एक नई दिशा दी थी और उनके नेतृत्व में स्वर्गीय चन्द्रपाल फौजी भारतीय किसान यूनियन के आंदोलनों में हमेशा अग्रिम पंक्ति में रहते थे। उनके निधन से भाकियू व किसान आंदोल को अपूर्णिय क्षति पहुंची है। भाकियू के जिलाध्यक्ष राजू अहलावत ने कहा कि स्वर्गीय चन्द्रपाल फौजी ने अनेकों बार आंदोलनों में मुख्यमंत्री निवास से लेकर शहर के सभी प्रमुख रास्तों को जाम करने का काम बखूबी किया था। बलराम नंबरदार ने कहा कि इनकी निडरता के कारण उनकी को एक नई पहचान बन गई थी। पूर्व सांसद सोहनवीर सिंह ने कहा कि स्वर्गीय चन्द्रपाल फौजी ने गन्ना मूल्य व गन्ना के बकाया भुगतान की समस्यों, बिजली की समस्यों, फसल के हुए नुकसान की भरपाई व कृषि उपज की सरकारी खरीद को लेकर भाकियू द्वारा चलाये गए आंदोलनों में अग्रणी भूमिका निभाई थी। वे चौधरी टिकैत के सबसे विश्वसनीय नेता थे। भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा किसान नेता अशोक बालियान ने स्वर्गीय चन्द्रपाल फौजी की सोच व संघर्ष को पुस्तक के रूप में लोगो तक पहुंचाने का काम किया है। किसानों के हक के लिए लड़ाई लड़ते हुए फौजी का 23 मार्च 2019 को निधन हो गया था। स्वर्गीय चन्द्रपाल फौजी न सरकार से डरे और न कभी झुके। उनके जाने से किसान आंदोलन को गहरा झटका लगा है।
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Published on:
24 Apr 2019 05:18 pm
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