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गिनती के स्कूली बच्चों को एकत्र कर मनाया विश्व वन्य जीव दिवस

locationनागौरPublished: Mar 04, 2020 12:21:49 pm

Submitted by:

Jitesh kumar Rawal

– प्रश्नोत्तरी में मिली केवल शाबासी, पुरस्कार तक नहीं दिए- औपचारिकता के लिए शहर से दूर नर्सरी में मनाया कार्यक्रम

गिनती के स्कूली बच्चों को एकत्र कर मनाया विश्व वन्य जीव दिवस

नागौर. नर्सरी में आयोजित विश्व वन्य जीव दिवस कार्यक्रम में मौजूद स्कूली बच्चे व कार्यक्रम को सम्बोधित करते पदमश्री हिम्मताराम भांभू।

नागौर. वन विभाग की ओर से मंगलवार को विश्व वन्य जीव दिवस मनाया गया। समारोह शहर से दूर नर्सरी में आयोजित करने से लोग नहीं जुटे। ऐसे में गिने-चुने स्कूली बच्चों को एकत्र कर कार्यक्रम की औपचारिकता पूरी की गई। कार्यक्रम में वक्ताओं ने वन्य जीवों को बचाने एवं पर्यावरण संतुलन बनाए रखने में भूमिका निभाने का आह्वान किया। इसके बाद बच्चों से प्रश्नोत्तरी भी की गई, लेकिन विजेता बच्चों को प्रोत्साहन स्वरूप शाबासी ही मिली, पुरस्कार नहीं रखा। दिवस की सार्थकता को लेकर वक्ताओं ने अपने वक्तव्य में भी उल्लेख किया कि आज इस दिवस को विश्वभर में मनाया जा रहा है। यह दीगर बात रही कि स्थानीय स्तर पर इसे औपचारिकता में ही निपटा दिया गया। दिवस के तहत यहां गोगेलाव मार्ग स्थित नर्सरी में कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें बीस-पच्चीस स्कूली बच्चे एक वाहन से लाए गए। वक्तव्य के बाद जलपान करवाया गया। इसके बाद रेस्क्यू सेंटर में पल रहे हरिण को वन क्षेत्र में छोड़ा गया। इसके बाद दिवस समारोह सम्पन्न कर दिया गया।
… तो वनकर्मियों तक ही सीमित रहता

बताया जा रहा है कि शहर से दूर होने के कारण कार्यक्रम में लोग नहीं जुट पाए। प्रचार-प्रसार का भी अभाव रहा। स्कूली बच्चों को जरूर एक वाहन में यहां लाया गया। इस दौरान अंगुलियों पर गिनने लायक संख्या में कुछ लोग व वनकर्मी मौजूद रहे। स्कूली बच्चों को नहीं लाते तो यह कार्यक्रम वनकर्मियों तक ही सीमित रह जाता।
प्रकृति व पर्यावरण संतुलन बनाए रखने का आह्वान

कार्यक्रम में आए पदमश्री हिम्मताराम भांभू ने पर्यावरण एवं वन्यजीव संरक्षण पर कई उपयोगी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि हर छोटे से छोटा जीव एक-दूसरे का पूरक है। इनका संतुलन गड़बड़ाने पर प्रकृति बीमार हो सकती है, जो मानव के लिए हानिकारक है। उन्होंने प्रकृति व पर्यावरण संतुलन बनाए रखने में योगदान देने का आह्वान किया। इसी तरह पर्यावरण प्रेमी रामरतन बिश्नोई भी प्रकृति व पर्यावरण को बचाए रखने पर जानकारी दी। उप वन संरक्षक ज्ञानचंद मकवाना, एसीएफ डॉ. सुनील गौड़ आदि ने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम के बाद यहां रेस्क्यू में पल रहे हरिण को वन क्षेत्र में स्वच्छंद विचरण के लिए मुक्त किया गया। हरिण को कुछ दिन पहले घायलावस्था में यहां लाया गया था। उपचार के बाद तंदुरुस्त होने पर उसे सेंटर से मुक्त कर दिया गया। इस दौरान रेंजर हेमेंद्र फिडौदा आदि मौजूद रहे।
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