
कांग्रेस नेता सोनिया गांधी (Photo: IANS)
Jawahar Lal Nehru: सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने कहा कि सत्ता में बैठी सरकार का प्रमुख लक्ष्य जवाहरलाल नेहरू को बदनाम करने की परियोजना चलाना है। सोनिया के इस बयान पर पलटवार करते हुए भाजपा ने उन्हें सुझाव दिया कि यदि गांधी परिवार में पूर्व प्रधानमंत्री (First Prime Minister of India) के प्रति इतना सम्मान है तो उन्हें नेहरू उपनाम का प्रयोग शुरू कर देना चाहिए।
कांग्रेस (Congress) नेता सोनिया गांधी ने भाजपा पर देश के इतिहास से प्रथम प्रधानमंत्री को मिटाने का कथित प्रयास करने का आरोप लगाया। भाजपा (BJP) ने पलटवार करते हुए कहा कि यह कांग्रेस ही थी जिसने नेहरू के योगदान को कम करके आंका। भाजपा ने दावा किया कि उसने केवल उनकी "गलतियों" को छिपाने का प्रयास किया, बल्कि उनका अनादर किया।
नेहरू सेंटर इंडिया (Nehru Centre Inaugration) के शुभारंभ के अवसर पर जवाहर भवन (Jawahar Bhawan) में आयोजित एक कार्यक्रम में कल अपनी टिप्पणी में गांधी ने आरोप लगाया कि नेहरू को बदनाम करने, विकृत करने, अपमानित करने और बदनाम करने का एक व्यवस्थित प्रयास किया जा रहा है।
सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने कहा, "इसका एकमात्र उद्देश्य न केवल एक व्यक्तित्व के रूप में उन्हें कमतर आंकना है, बल्कि भारत के स्वतंत्रता संग्राम में उनकी सर्वमान्य भूमिका और अभूतपूर्व समस्याओं से जूझ रहे एक स्वतंत्र राष्ट्र के नेता के रूप में उनके शुरुआती दशकों को भी कमतर आंकना है, बल्कि यह इतिहास को फिर से लिखने के एक कच्चे और स्वार्थी प्रयास में उनकी बहुमुखी विरासत को भी नष्ट करना है।" उन्होंने ऐसे प्रयासों को "पूरी तरह से अस्वीकार्य" बताया।
उन्होंने दावा किया कि नेहरू को कमतर आंकने की परियोजना के पीछे जो लोग हैं, वे उस विचारधारा (RSS-BJP) से ताल्लुक रखते हैं जिसकी स्वतंत्रता आंदोलन और संविधान निर्माण में कोई भूमिका नहीं थी और जिसने ऐसा माहौल बनाया जिसके कारण महात्मा गांधी की हत्या हुई।
कांग्रेस संसदीय दल के अध्यक्ष (Sonia Gandhi) ने कहा, "इसमें कोई संदेह नहीं होना चाहिए कि जवाहरलाल नेहरू को बदनाम करने की परियोजना आज सत्ताधारी प्रतिष्ठान का मुख्य उद्देश्य है। उनका लक्ष्य केवल उन्हें मिटाना नहीं है, बल्कि वास्तव में उनका लक्ष्य उन सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक नींव को नष्ट करना है जिन पर हमारे राष्ट्र की स्थापना और निर्माण हुआ है।" उन्होंने महात्मा गांधी को कोट करते हुए कहा कि नेहरू भारत के लाखों नागरिकों के लिए प्रकाश स्तम्भ के रूप में काम करते रहेंगे और यह अपरिहार्य है कि ऐसे महान व्यक्तित्व के जीवन और कार्य का विश्लेषण और आलोचना की जाएगी, और वास्तव में ऐसा होना भी चाहिए।
उन्होंने कहा कि हालांकि नेहरू को उनके समय और उनके सामने आई चुनौतियों से अलग करके उन्हें ऐतिहासिक संदर्भ से अलग करके देखने का प्रलोभन काफी व्यापक हो गया है।
भाजपा ने उनके विचारों से असहमति जताते हुए कहा कि यदि उन्हें पूर्व प्रधानमंत्री के प्रति इतना सम्मान होता तो वे परिवार की वंशावली में नेहरू उपनाम जोड़ देतीं।
भाजपा प्रवक्ता टॉम वडक्कन (Tom Vadakkan) ने एनडीटीवी को दिए साक्षात्कार में कहा, "अब समय आ गया है कि वह हर समय भेड़िया-भेड़िया चिल्लाना बंद करें। अगर उनमें नेहरू के प्रति गहरा सम्मान होता तो उन्होंने अपने परिवार की वंशावली में नेहरू उपनाम जोड़ लिया होता। ये वही लोग हैं जिन्होंने नेहरू के योगदान को कम करके आंका है। इसमें भाजपा या मौजूदा सरकार शामिल नहीं है।"
वडक्कन ने कहा, कांग्रेस ने घोटालों से लेकर 1962 के चीन-भारत युद्ध (China-India War) तक नेहरू की गलतियों को छिपाने के प्रयासों का आरोप लगाया। वडक्कन ने कहा, "इंसान गलतियां करता है। यह पहले भी उजागर हो चुका है, लेकिन इसे छुपाने की कोशिश की गई। जब सच्चाई सबके सामने आती है, तो इसका व्यवस्था से कोई लेना-देना नहीं होता बल्कि यह ऐतिहासिक सच्चाई होती है। वह जो कहती हैं, उस पर उन्हें अमल भी करना चाहिए और परिवार की परंपरा में नेहरू उपनाम जोड़ना चाहिए। अगर वे अब भी नेहरू की बजाय गांधी उपनाम का इस्तेमाल करना पसंद करते हैं, तो कहीं न कहीं कोई समस्या है।"
Published on:
06 Dec 2025 11:43 am
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