scriptBudget 2022: आज संसद के दोनों सदनों में नहीं होगा शून्यकाल, जानिए वजह | Budget 2022 Zero Hour will be Adjourned in both Houses for first 2 days | Patrika News

Budget 2022: आज संसद के दोनों सदनों में नहीं होगा शून्यकाल, जानिए वजह

locationनई दिल्लीPublished: Feb 01, 2022 07:54:16 am

लोकसभा के आठवें बजट सत्र के दौरान पहले दो दिन दोनों सदनों में कोई शून्य काल नहीं होगा। बजट सत्र के दौरान संसद के दोनों सदनों में 31 और एक जनवरी को शून्य काल स्थगित कर दिया गया है। बजट सत्र को दो भागों में आयोजित किया जा रहा है। पहला भाग 11 फरवरी को खत्म होगा। इसके बाद बजट सत्र का दूसरा हिस्सा 14 मार्च से शुरू होकर आठ अप्रैल तक चलेगा।

Budget 2022 Zero Hour will be Adjourned in both Houses for first 2 days

Budget 2022 Zero Hour will be Adjourned in both Houses for first 2 days

लोकसभा के आठवें बजट सत्र के दौरान पहले दो दिन दोनों सदनों में कोई शून्यकाल नहीं होगा। बजट सत्र के दौरान संसद के दोनों सदनों में 31 जनवरी को भी शून्य काल नहीं हुआ। इसके साथ ही 1 फरवरी को भी शून्यकाल स्थगित रहेगा बजट सत्र की शुरुआत राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद सोमवार को कर दी। इसके साथ ही कोरोना संक्रमण को देखते हुए सदन में सदस्यों के बैठने की व्यवस्था भी उचित प्रोटोकॉल के तहत की गई है। जबकि दोनों सदनों का समय अलग अलग तय किया गया है। बजट सत्र शुरू होने से पहले राज्यसभा ने अपने सदस्यों के लिए आचार संहिता भी जारी कर दी है। कोरोना काल में ये दूसरा बजट सत्र है।

राष्ट्रपति के अभिभाषण और आम बजट की प्रस्तुति के चलते इस बार दोनों सदनों में शून्य काल को स्थगित किया गया है। 31 जनवरी को राष्ट्रपति सदन के दोनों सदनों को संबोधित किया।

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बजट सत्र शुरू होने से पहले राज्यसभा ने अपने सदस्यों के लिए आचार संहिता भी जारी कर दी है। सभापति वैंकेया नायडू की ओर से जारी आचार संहिता के तहत कहा गया है कि राज्यसभा के सदस्यों को जनता का विश्वास बनाए रखने के लिए अपनी जिम्मेदारी को स्वीकार करना चाहिए।

इसके साथ ही आचार संहिता में ये भी कहा गया है कि, सदस्यों को संविधान, कानून, संसदीय संस्थाओं सबसे ऊपर रखना चाहिए।

बता दें कि संसद के दोनों सदनों में शून्यकाल की कार्यवाही के दौरान ही सवाल पूछे जाते हैं। शून्यकाल भी प्रश्नकाल की तरह ही टाइम सेगमेंट है। इसमें सांसद अलग-अलग मुद्दों पर चर्चा करते हैं।

दोनों सदनों में इसका वक्त अलग-अलग रहता है। लोकसभा में कार्यवाही का पहला घंटा प्रश्नकाल होता है और उसके बाद का वक्त जीरो आवर यानी शून्यकाल रहता है।

इसी तरह राज्यसभा की बात करें तो शून्यकाल से सदन की कार्यवाही की शुरुआत होती है और इसके बाद प्रश्नकाल होता है।

शून्यकाल के दौरान सांसद बगैर तय कार्यक्रम के महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार व्यक्त करते हैं। लोकसभा में शून्यकाल तब तक खत्म नहीं होता, जबतक लोकसभा के उस दिन का एजेंडा खत्म नहीं हो जाता।

बता दें कि इस बार वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण कोरोना काल में दूसरी बार बजट पेश करेंगी। जबकि अब तक का उनका ये चौथा बजट होगा। खास बात यह है कि इस बार बजट से पहले देश कोरोना की तीसरी लहर से जूझ रहा है। ऐसे में चरमराई अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए बजट से काफी उम्मीदें हैं।

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