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Rashtrapati Bhavan: पुतिन के सम्मान में डिनर में शामिल होने के बाद शशि थरूर ने कांग्रेस पार्टी छोड़ने पर दिया ये जवाब

कांग्रेस नेता शशि थरूर (Congress MP Shashi Tharoor) ने पुतिन के स्वागत में राष्ट्रपति भवन में आयोजित राजकीय रात्रिभोज में शामिल होने का निमंत्रण स्वीकार कर लिया और एक इंटरव्यू में यह कह दिया कि मुझसे मेरी पार्टी चिढ़ती है।

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शशि थरूर

शशि थरूर (Photo-IANS)

Rashtrapati Bhavan Dinner: रूसी राष्ट्रपति पुतिन (Russian President Vladimir Putin) के स्वागत में राष्ट्रपति भवन में राजकीय रात्रिभोज में शशि थरूर (Congress MP Shashi Tharoor) को न्योता दिया गया जबकि लोकसभा में प्रतिपक्ष के नेता राहुल गांधी और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे को आमंत्रित नहीं किया गया।

पुतिन के स्वागत भोज में शामिल हुए कांग्रेस सांसद

केंद्र सरकार के इस फैसले को लेकर कांग्रेस पार्टी के नेता पवन खेड़ा (Pawan Khera) और जयराम रमेश सहित कई नेताओं ने सवाल उठाए। हालांकि इन सब बातों की उपेक्षा कर शशि थरूर राष्ट्रपति भवन (Dinner at Rashtrapati Bhavan) में आयोजित भोज में शामिल हुए।

पार्टी छोड़ने के सवाल के जवाब में थरूर ने कही ये बात

एनडीटीवी ने कांग्रेस सांसद से यह सवाल किया कि क्या केरल के तिरुवनंतपुरम से कांग्रेस सांसद कभी कोई बड़ा कदम उठाएंगे? (यह सवाल उनसे कांग्रेस पार्टी छोड़ने के विचार को लेकर किया गया था। ) इस सवाल के जवाब में शशि थरूर ने बेहद नपे-तुले अंदाज में कहा, 'मुझे नहीं पता कि यह सवाल मुझसे क्यों पूछा जा रहा है?

'मैं कांग्रेस का एमपी हूं'

उन्होंने आगे कहा कि मेरा मतलब यह है कि मैं कांग्रेस पार्टी का सांसद हूं। मैंने अपने चुने जाने को लेकर बहुत मेहनत की है। कुछ और बनने के लिए काफ़ी सोच-विचार और कई अन्य बातों पर विचार करना होगा।

भोज में शामिल होने पर कहा- 'मैं यहां आकर बहुत प्रसन्न हूं'

शशि थरूर ने राष्ट्रपति भवन में भोज में आमंत्रित होने के मौके पर कहा, "मैं कुछ समय बाद यहां वापस आया हू। मुझे लगता है कि कुछ वर्षों से उनका रवैया अलग था। इस बार ऐसा लगता है कि उन्होंने अन्य आवाज़ों के लिए थोड़ा और खुलने का फ़ैसला किया है। उन्होंने कहा कि विदेशी देशों के साथ संबंध ही संसदीय स्थायी समिति के विचार होते हैं, इसलिए बातचीत में क्या चल रहा है, माहौल कैसा है, आदि के बारे में कुछ जानकारी होना मददगार होता है। यही वजह है कि मैं यहां आकर बहुत प्रसन्न हूँ। न ज़्यादा, न कम।" गौरतलब है कि शशि थरूर विदेश मामलों पर संसदीय स्थायी समिति के अध्यक्ष हैं।

'सरकार के बारे में अच्छी बातें करता हूं तो पार्टी को चिढ़ होती है'

उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार के साथ सहयोग करने के प्रश्न पर, आप अपने विश्वासों या सिद्धांतों को नहीं छोड़ देते, बल्कि आप साझा आधार तलाशते हैं। मेरा मतलब है कि लोकतंत्र का एक हिस्सा और लोकतंत्र में सरकार और विपक्ष के बीच सहयोग का एक हिस्सा साझा आधार तलाशना है। हम कुछ बातों पर असहमत होते हैं, कुछ बातों पर सहमत होते हैं और जहां हम सहमत होते हैं, हमें साथ मिलकर काम करना चाहिए। इसका राष्ट्रपति भवन में आमंत्रित किए जाने से कोई लेना-देना नहीं है। कांग्रेस सांसद ने कहा, वह हाल के दिनों में सरकार के बारे में अच्छी बातें करते रहे हैं, जिसके चलते उनकी पार्टी को उनसे काफ़ी चिढ़ होती है।

'अपने मतदाताओं के लिए काम करवाना राजनीतिक जिम्मेदारी'

उन्होंने आगे कहा, "डिनर शुरू होने से पहले मैं अपने निर्वाचन क्षेत्र के लिए कुछ कामों को अपनी सरकार के कुछ अधिकारियों के साथ करने की कोशिश कर रहा था। अपने लोगों, अपने मतदाताओं और अपने निर्वाचन क्षेत्र के लिए काम करवाना जीवन का एक हिस्सा है। यही राजनीतिक ज़िम्मेदारी है।"