scriptदिल्ली: सीवर मजदूरों की मौत मामले में AAP सरकार ने की 10-10 लाख रुपए मुआवजा देने की घोषणा | AAP govt announces 10-10 lakh compensation in death of sewer workers | Patrika News

दिल्ली: सीवर मजदूरों की मौत मामले में AAP सरकार ने की 10-10 लाख रुपए मुआवजा देने की घोषणा

locationनई दिल्लीPublished: Sep 11, 2018 04:48:58 pm

Submitted by:

Anil Kumar

सीवर सफाई के दौरान हुई पांच लोगों की मौत मामले को लेकर दिल्ली सरकार के श्रम मंत्री गोपाल राय ने मृतक परिवारों को 10 लाख रुपए मुआवजा देने का ऐलान किया है।

दिल्ली सरकार के श्रम मंत्री गोपाल राय

दिल्ली: सीवर मजदूरों की मौत मामले में AAP सरकार ने की 10-10 लाख रुपए मुआवजा देने की घोषणा

नई दिल्ली। बीते दिनों सीवर सफाई के दौरान हुई पांच लोगों की मौत मामले को लेकर दिल्ली सरकार के श्रम मंत्री गोपाल राय ने मृतक परिवारों को 10 लाख रुपए मुआवजा देने का ऐलान किया है। इससे पहले दिल्ली सरकार ने इस मामले के जांच के आदेश दिए थे और तीन दिन के अंदर रिपोर्ट मांगी थी। बता दें कि रविवार की दोपहर को डीएलएफ कॉम्प्लेक्स में सेप्टिक टैंक की सफाई करने के लिए उतरे पांच लोगों की जहरीली गैस के संपर्क में आने से मौत हो गई थी।

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भाजपा ने AAP सरकार को घेरा

आपको बता दें कि आरोप है कि जीएलएफ कंपनी ने बिना किसी सुरक्षा उपकरणों के ही इन मजदूरों को सीवर सफाई के लिए भेज दिया था। इस संबंध में दिल्ली सरकार के श्रम मंत्री गोपाल राय ने श्रम विभाग को जांच के निर्देश दिए हैं और तीन दिन के अंदर रिपोर्ट जमा करने को कहा है। इसके अलावे पीड़ित परिवारों को 10-10 लाख रुपए मुआवजा देने की घोषणा की है। इस मामले को लेकर अब राजनीति भी शुरू हो गई है। भाजपा ने आम आदमी पार्टी सरकार को घेरा है। भाजपा दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने आरोप लगाते हुए दावा किया कि बीते साढ़े तीन वर्ष के अंदर दिल्ली में इस तरह की पांच से छह बड़ी घटनाएं हो चुकी हैं और करीब 50-60 मजदूरों को अपनी जान गवांनी पड़ी है। सोमवार को केजरीवाल सरकरा पर आरोप लगाते हुए मनोज तिवारी ने कहा कि ‘जब केंद्रीय सफाई मजदूर आयोग ने इस मामले में हस्तक्षेप किया, तो केजरीवाल सरकार ने दिल्ली में मैनुअल तरीके से सीवर और सेप्टिक टैंक की सफाई करने पर प्रतिबंध लगाते हुए सफाई करने वाले मजदूरों की सुरक्षा के लिए उन्हें मशीनें, उपकरण और अन्य संसाधन उपलब्ध कराने और नए सुरक्षा मानकों के अनुरूप ट्रेनिंग दिलाने का वादा किया था।’ लेकिन आज हात यह है कि इस विषय पर कोई भी काम नहीं हो पाया है। मजदूरों के लिए न तो जरूरी सुरक्षा उपकरण खरीदे गए हैं और न ही ट्रैनिंग दिलाई गई। इसी का परिणाम है कि रविवार को पांच मजदूरों को अपनी जिंदगी से हाथ धोना पड़ा है।

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