
विद्यार्थियों को दिल्ली सरकार का तोहफा, कॉलेज में ही 10 मिनट में बनेगा ड्राइविंग लाइसेंस
नई दिल्ली। केजरीवाल सरकार राजधानी में विद्यार्थियों को एक और तोहफा देने जा रही है। आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार ने विद्यार्थियों के लिए लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस की प्रक्रिया को आसान बनाने के मकसद से एक बड़ा फैसला लिया है। इसके तहत दिल्ली सरकार कॉलेजों के प्रिंसिपल और डायरेक्टर्स को अधिकृत करेगी जो लर्निंग लाइसेंस प्रक्रिया को पूरी करवाने की जिम्मेदारी संभालेंगे। दिल्ली सरकार के सूत्रों के मुताबिक, सभी स्टेट विश्वविद्यालय समेत दिल्ली विश्वविद्याल के तकरीबन 88 कॉलेजों में लर्निंग लाइसेंस बनाए जाने के बारे में एक योजना तैयार की गई है।
10 मिनट में मिल जाएगा लर्निंग लाइसेंस
आपको बता दें कि इ्स बाबत दिल्ली सरकार के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने ट्वीट करते हुए कहा कि अगले कुछ दिनों में यह योजना नोटिफाई हो जाएगी। गहलोत ने कहा है कि इस योजना के तहत दिल्ली विश्वविद्यालय और इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय के साथ पॉलीटेक्निक व आइटीआइ को भी इसके दायरे में लाया जाएगा जिससे करीब 2 लाख बच्चों को फायदा होगा। दिल्ली सरकार ने दावा किया है कि कॉलेजों में 10 मिनट के कंप्यूटर बेस्ड एग्जाम को पास करने के बाद लर्निंग लाइसेंस मिल जाएगा। बता दें कि राजधानी में इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय के अलावा दिल्ली विश्वविद्यालय के कॉलेजों में विद्यार्थियों की संख्या लाखों में है। ऐसे में सरकार की इस योजना से लाखों विद्यार्थियों को फायदा होगा।
किन विद्यार्थियों को मिलेगा फायदा
आपको बता दें कि मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली सरकार की 7 विश्वविद्यालय व कई संस्थानों के अलावा डीयू के 88 कॉलेज और इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय से संबंधित करीब 34 संस्थान, 9 पॉलिटेक्निक व आइटीआइ के विद्यार्थियों को इस योजना का फायदा मिलेगा। दिल्ली सरकार ने कहा है कि भारत का कोई भी नागरिक जो मानसिक रूप से विक्षिप्त या गंभीर रूप से दिव्यांग न हों और उसकी उम्र 18 साल से कम न हो, वो वाहन चलाने के लिए डीएल बनवा सकता है। हालांकि यह कहा गया है कि भारी वाहन चलाने के लिए आवेदनकर्ता की उम्र 21वर्ष होनी चाहिए। आपको बता दें कि देश के किसी भी जिले में संबंधित राज्य के ट्रांसपोर्ट विभाग द्वारा जारी किया गया डीएल पूरे देश में वाहन चलाने के लिए मान्य होता है, लेकिन डीएल बनवाने के लिए उम्मीदवार को संबंधित जिले में स्थायी निवास का प्रमाण पत्र पेश करना होता है।
कैसे बनाएं डील
आपको बता दें कि डीएल बनाने के लिए सबसे पहले आपको अपने जिले के RTO ऑफिस में एक फॉर्म भरना होगा। इस फॉर्म में चार पासपोर्ट साइज के फोटोग्राफ लगाने होंगे। साथ हीं डेट ऑफ बर्थ, आईडी और एड्रेस प्रूफ के डाक्यूमेंट्स की फोटोकॉपी भी संलग्न करनी होगी। वेरिफिकेशन के लिए ओरिजिनल दस्तावेज अपने साथ रखने होंगे। इसके बाद लर्निंग लाइसेंस के लिए निर्धारित फीस जमा करनी होगी। RTO कर्मचारी इसके बाद आपको एक रिटेन टेस्ट के लिए भेजेगा। अलग अलग राज्यों में लिए जाने वाले लर्निंग लाइसेंस के इस टेस्ट में 10 से लेकर 20 तक ऑब्जेक्टिव प्रश्न पूछे जाते हैं। 60 प्रतिशत सवाल का जवाब सही होने पर आप क्वालीफाई हो जाएंगे। टेस्ट पेपर पास करने के बाद अगले 7 दिन के अंदर स्पीड पोस्ट या रजिस्टर्ड पोस्ट के माध्यम से लर्निंग लाइसेंस आपके घर तक पहुंच जाएगा।
लर्निंग लाइसेंस के लिए क्या-क्या दस्तावेज हैं जरुरी
आपको बता दें कि लर्निंग लाइसेंस बनाने के लिए आवासीय प्रमाण पत्र, वोटर आईडी, आधार कार्ड, पासपोर्ट, बिजली या टेलीफोन बिल, राशन कार्ड, हाउस टैक्स की रसीद, सरकारी कर्मचारियों को जारी किए गए ऐड्रेस युक्त आईडी कार्ड, तहसील या डीएम ऑफिस से जारी किया निवास प्रमाण पत्र आदि में से कोई एक दस्तावेज की आवश्यकता होती है। इसके अलावे पैन कार्ड, पासपोर्ट साइज के चार कलर फोटो, खुद का पता लिखा खाली रजिस्टर्ड लिफाफा, बर्थ सर्टिफिकेट, हाईस्कूल/ 10वीं की मार्कशीट या सर्टिफिकेट की भी जरूरत होती है।
Published on:
04 Aug 2018 06:50 pm
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