मंगलवार को होगी मामले में सुनवाई पंजाब सरकार के वकील ने कोर्ट में कहा कि 2006 में हाईकोर्ट से सिद्धू को मिली तीन साल कैद की सजा के फैसले को बरकरार रखा जाए। वकील ने कहा कि मामले में आरोपी के खिलाफ प्रत्यक्षदर्शी भी है और उस पर भरोसा किया जाना चाहिए। इस मामले की अगली सुनवाई मंगलवार को होगी। उस दौरान सिद्धू के वकील राज्य सरकार के वकील की दलीलों का जवाब देंगे। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार के वकील से यह भी पूछा कि इस मामले में दूसरे आरोपी रुपिंदर सिंह सिद्धू को कैसे पहचाना गया, जबकि एफआईआर में उसका नाम दर्ज नहीं था। गौरतलब है कि 1998 के रोड रेज के एक मामले में साल 2006 में हाईकोर्ट से सिद्धू को तीन साल की सजा मिली थी। जिसके खिलाफ सिद्धू ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी।
क्या था मामला.. गौरतलब है कि 1988 में सिद्धू का पटियाला में कार से जाते समय गुरनाम सिंह एक व्यक्ति से झगड़ा हो गया। आरोप है कि दोनों के बीच हाथापाई भी हुई और बाद में गुरनाम सिंह की मौत हो गई। इसके बाद पुलिस ने सिद्धू और उनके दोस्त रुपिंदर सिंह सिद्धू के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया। हालांकि, बाद में ट्रायल कोर्ट ने सिद्धू को बरी कर दिया। लेकिन, मामला जब हाईकोर्ट पहुंचा तो सिद्धू को दोषी पाया गया और तीन साल की सजा सुनाई गई।