तलवार दंपति के यहां काम करने से पहले हेमराज तीन साल मलेशिया में भी रह चुका था। जांच के दौरान पता चला कि हेमराज नेपाल से पहली बार 1992 में दिल्ली आया था और ऑटो चलाने का काम करता था। करीब 10 साल बाद यानी 2002 में वो अचानक मलेशिया चला गया। तीन साल बाद वो मलेशिया से फिर दिल्ली लौट गया। जानकारी के मुताबिक, मलेशिया में उसने तीन साल तक कुक का काम किया। मलेशिया से लौटने के बाद हेमराज करीब दो साल तक दिल्ली में रहा। उस दौरान वो कभी ऑटो चलाता तो कभी दूसरे काम भी करता था। लेकिन, एक दिन उसने अचानक अपने घर नेपाल वापस लौटने का फैसला किया। हालांकि, नेपाल लौटने के बाद वो दिल्ली आते रहता था, लेकिन न तो एक जगह वह टिकता और न ही कोई काम करता था। साल 2007 में पूरे परिवार को छोड़कर वह नोएडा सेक्टर-37 में अपने दामाद के पास रहने के लिए आ गया। एक महीने तक वह भटकता रहा, लेकिन उसे नौकरी नहीं मिली।
ऐसे पहुंचा तलवार के घर हेमराज करीब एक महीने के बाद हेमराज को पता चला कि सेक्टर-25 स्थित जलवायु विहार में रहने वाले डॉ. राजेश तलवार के घर का कुक विष्णु नेपाल जा रहा है। इसलिए, वहां एक कुक की जरूरत है। हेमराज मलयेशिया में कुक रह चुका था, इस कारण उसने कुक का काम करना स्वीकार कर लिया। हेमराज को रहने के लिए नया ठिकान मिल चुका था। हालाकि, उसके जानने वालों का यह भी कहना था कि हेमराज अपनी जिंदगी के बारे में ज्यादा किसी से बातचीत नहीं करता था। वह चंद लोगों के ही संपर्क में रहता था। लोगों का यह भी कहना था हेमराज अक्सर कमरे के अंदर ही रहा करता था। करीब एक साल बाद 16 मई, 2008 को राजेश-नूपुर तलवार की बेटी आरुषि की डेड बॉडी मिली। ठीक उसके अगले दिन 17 मई को हेमराज की लाश तलवार के घर के टेरेस पर मिली थी।