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शस्त्र लाइसेंस की दलालों ने बढ़ाई अपनी फीस, अब ले रहे इतनी मोटी रकम

locationनोएडाPublished: Nov 21, 2018 12:47:56 pm

Submitted by:

virendra sharma

खुद व अपनी संपत्ति की सुरक्षा के लिए हथियारों का लाइसेंस प्रशासन की तरफ से जारी किया जाता है। पिछले 2013 से उत्तर प्रदेश में शस्त्र लाइसेंस पर चली आ रही रोक हटने के बाद में इच्छूक आवेदकों की संख्या में इजाफा हुआ है।

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शस्त्र लाइसेंस की दलालों ने बढ़ाई अपनी फीस, अब ले रहे इतनी मोटी रकम

नोएडा. खुद व अपनी संपत्ति की सुरक्षा के लिए हथियारों का लाइसेंस प्रशासन की तरफ से जारी किया जाता है। पिछले 2013 से उत्तर प्रदेश में शस्त्र लाइसेंस पर चली आ रही रोक हटने के बाद में इच्छूक आवेदकों की संख्या में इजाफा हुआ है। लाइसेंस लेने की होड़ में युवा अधिक है। अभी तक जिला प्रशासन के पास में करीब 2 हजार आवेदन जमा हो चुके है। इनमें 24 से 32 साल तक के युवाओं की भीड़ लाइसेंस लेने की कतार में है। माना जा रहा है कि युवा टशन दिखाने के लिए असलहा के लाइसेंस के लिए आवेदन कर रहे है। आवेदक अब तहसील व पुलिस के अधिकारियों से आवेदन फॉर्म पर रिपोर्ट लगवाने के लिए चक्कर काट रहे हैं। रिपोर्ट लगवाने के लिए सिफारिशों का दौर शुरू हो गया है।
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शस्त्र लाइसेंस के लिए फॉर्म जमा होने के बाद में जिला प्रशासन ने रिपोर्ट के लिए थाने व तहसील में आवेदनों को भेज दिया है। जिला प्रशासन की मंशा है कि जल्द ही शस्त्र लाइसेंस बनवाने के लिए जमा हुए आवेदनों पर रिपोर्ट लगवाई जा सके। जिसके चलते लाइसेंस की फाइल थाने व तहसील पहुंच रही है। इन फाइलों पर तहसील के अलावा पुलिस, लेखपाल आदि की रिपोर्ट लगनी है। रिपोर्ट लगवाने के लिए सिफारिशों का दौर शुरू हो गया है। एक तरफ जहां जिलास्तर पर युवा सिफारिशें लगवा रहे है। वहीं लखनउ से भी अधिकारियों के पास फोन लाइसेंस के लिए फोन आने लगे है। दादरी कोतवाली प्रभारी रामसेन सिंह ने बताया कि जांच के बाद ही आवेदन फॉर्म पर रिपोर्ट लगाई जाती है। जरूरतमंद के ही आर्म्स लाइसेंस जारी होते हैं। शौकिया तौर पर हथियार रखने वाले नेताओं से सिफारिशें करवा रहे हैं। दादरी के एसडीएम अंजनी कुमार ने बताया कि उनके पास जिले के साथ साथ-साथ लखनऊ से भी नेता लाइसेंस के आवेदन पर रिपोर्ट लगवाने के लिए फोन करा रहे हैं।
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उन्होंने बताया कि अपराध पीड़ित, विरासत, व्यापारी, उद्यमी, बैंक संस्थागत, वित्तीय संस्थान, विभिन्न विभागों के ऐसे कर्मी जो प्रवर्तन में कार्यरत हैं, सैनिक, अर्द्धसैनिक, पुलिॉसकर्मी, एमएलए, एमएलसी, एमपी, राज्य, राष्ट्रीय व अतरराष्ट्रीय स्तर के निशानेबाज आदि को वरियता दी जा रही है। साथ ही जरूरतमंद लोगों को ही शस्त्र लाइसेंस में प्राथमिकता दी जा रही है। शस्त्र विभाग के असलहा बाबू अरविंद कुमार ने बताया कि नए लाइसेंस की प्रक्रिया 16 अक्टूबर से शुरू हो चुकी है। अभी तक 2 हजार के करीब आवेदन जमा हो चुके हैं। इनके अलावा आए दिन शस्त्र लाइसेंस के लिए आवेदन आ रहे है।
यह है नई फीस (रुपये में)

कैटिगरी रिवॉल्वर व पिस्टल राइफल डबल बैरल बंदूक सिंगल बैरल बंदूक
एनएससी फीस 50,000 30,000 20,000 10,000
राइफल क्लब फीस 4000 4000 3500 3500
स्टैंप के लिए फीस 2000 1500 1000 1000
रसीद के लिए शुल्क 1000 1000 1000 1000
जिला क्रीड़ा समिति फीस 500 500 250 250
रेडक्रॉस सोसायटी फीस 500 500 250 250
कुल फीस 58,000 37,500 26,000 16,000
दलाल भी हुए सक्रिय

मजेदार बात यह है कि लाइसेंस से रोक हटने के बाद में दलाल भी सक्रिय हो गए। एक तरफ जहां दलाल फाइल कंप्लीट करा रहे है। दलाल ढाई से तीन लाख रुपये में लाइसेंस बनवाने का ठेका ले रहे है। रुपये देने वालों को डॉक्यूमेंट्स के अलावा कुछ ओर करने की आवश्यकता नहीं है। यहीं वजह है कि पिस्टल व रिवाल्वर का लाइसेंस लेने वाली कतार लंबी है तो बनवाने के नाम पर दलाल कई-कई गुना रुपये की डिमांड कर रहे है। पिछले कुछ दिनों तक एक से डेढ़ लाख रुपये की डिमांड दलाल कर रहे थे।
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