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Special- इन दो लोगों की वजह से 44 लोग हुए कोरोना के शिकार, एक ही परिवार के 17 बीमार

locationनोएडाPublished: Apr 01, 2020 01:07:27 pm

Submitted by:

sharad asthana

Highlights

Noida की सीजफायर कंपनी में लंदन से आया था ऑडिटर
कंपनी के 13 कर्मचारी आ चुके हैं बीमारी की चपेट में
Meerut में मुंबई से आए एक शख्स की वजह से 17 हुए बीमार

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नोएडा। इस समय तबलीगी जमात (Tabligi Jamaat) के कई लोगों से कोरोना (Corona) फैलने का खतरा मंडरा रहा है। इस बीच दो शख्स ऐसे भी हैं जिनकी वजह से वेस्ट यूपी (West UP) में 44 लोगों को यह बीमारी अपने शिकंजे में ले चुकी है। मुंबई (Mumbai) से मेरठ (Meerut) आए एक व्यक्ति की वजह से तो एक ही परिवार के 17 लोग कोरोना के मरीज बन गए।
गौतम बुद्ध नगर में आ चुके हैं 39 मामले

सबसे पहले बात करते हैं नोएडा (Noida) की सीजफायर कंपनी की। यहां मार्च (March) में लंदन (London) से एक ऑडिटर को बुलाया गया था। लंदन से आए ऑडिटर की वजह से 27 लोग कोरोना वायरस (Coronavirus) से संक्रमित हुए। इस शख्स की वजह से वायरस गाजियाबाद (Ghaziabad), बुलंदशहर (Bulandshahr) और बरेली (Bareilly) तक पहुंचा। कंपनी से संक्रमित हुए मरीजों की वजह से गौतम बुद्ध नगर (Gautam Budh Nagar) में उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में सबसे ज्यादा 39 मरीज हैं। साथ ही गौतम बुद्ध नगर देश में कोविड—19 (Covid-19) से सबसे ज्यादा प्रभावित टॉप पांच जिलों में शुमार हो गया है। पिछले एक हफ्ते में नोएडा (Noida) व ग्रेटर नोएडा (Greater Noida) में कोरोना के मरीजों की संख्या साढ़े तीन गुना हो गई है। मंगलवार तक 39 मरीजों की पुष्टि की जा चुकी है। यहां कोरोना का संक्रमण बढ़ने का मुख्य कारण 2000 से अधिक लोगों का इस बीमारी से प्रभावित देशों से वापस आना रहा।
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सीएम योगी ने लगाई थी फटकार

गौतम बुद्ध नगर में दिनों—दिन गंभीर होती जा रही कोरोना वायरस की स्थिति का जायजा लेने सोमवार को खुद सीएम योगी ग्रेटर नोएडा आए थे। कार्रवाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति करने पर अधिकारियों को जाम कर फटकार लगाई, तब जाकर सीजफायर कंपनी सील करा दी गई। इस कंपनी से मौत का वायरस 26 लोगो में फैला, जिसमे 13 कंपनी के कर्मचारी हैं और 14 उनके परिवार के सदस्य। लंदन से आकर नोएडा के सीजफायर कंपनी में लोगों को मौत का वायरस बांट गए शख्स की स्वास्थ्य विभाग को भनक तक नहीं लगी। अधिकारी मस्त रहे और कोरोना वायरस अपने पांव पसारता रहा। मामला जब गंभीर हुआ तो जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग हरकत में आया।
8 मार्च को मिला था पहला मरीज

नोएडा में आठ मार्च को कोरोना संक्रमित पहले मरीज की पुष्टि की गई। गाइड का काम करने वाला यह व्यक्ति इटली के कुछ लोगों के साथ भारत आया था। इसका घर नोएडा और दिल्ली में भी है। ऐसे में इसका इलाज दिल्ली में हुआ और अब वह स्वस्थ है। प्रदेश सरकार ने इसे नोएडा का मरीज मानते हुए पहला केस माना। 24 मार्च तक लग रहा था कि सब नियंत्रण में है, लेकिन इसके बाद मरीजों की संख्या में बेतहाशा वृद्धि हुई। 24 मार्च को 11 मरीज थे, जो 31 मार्च को 39 हो गए।
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मेरठ में 19 केस मिले

वहीं, मेरठ में अब तक कोरोना के 19 केस सामने आ चुके हैं। यहां मुंबई से एक शख्स आया था। खुर्जा निवासी व्यक्ति यहां अपने रिश्तेदार के यहां रुका था। उसके पॉजिटिव पाए जाने के बाद उसके संपर्क में आए लोगों की तलाश शुरू हुई तो पता चला कि वह एक बारात में भी शामिल हुआ था। उसके संपर्क में आए अब तक 17 लोग इस बीमारी से पीड़ित पाए गए हैं। सभी एक ही परिवार के हैं।
सीजफायर कंपनी की गाथा

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