
thieves-steal-half bore onions at grocery Shop in Chennai
नोएडा. पिछले वर्ष लोगों को रुलाने वाली प्याज नए साल पर लोगों को कुछ राहत देती नजर आ रही है। पिछले वर्ष दिसंबर में 130-150 रुपए किलो तक बिकने वाली प्याज अब नोएडा की भंगेल सब्जी मंडी में 40 रुपए किलो तक आ गई है। इसके साथ ही अभी दाम और फिर भी गिरने के आसार हैं। दरअसल, पिछले वर्ष प्याज के दाम में हुई तेज बढ़ोतरी के खिलाफ लोगों का गुस्सा बढ़ने के बाद दबाव में आई केन्द्र की मोदी सरकार ने विदेशों से प्याज आयात करने का फैसला लिया। इसके तहत सरकार ने 42 जहार टन प्याज तुर्की, मिस्र और अफगानिस्तान से प्याज आयात करने के लिए खरीदा था। इनमें से 34 हजार टन प्याज देश में आ चुका है। वहीं, 18 हजार टन प्याज देश में पहुंचने वाला। लेकिन विदेशों से मंगवाए गए प्याजों को राज्य सरकारों ने खरीद से मना कर दिया है। लिहाजा, केन्द्र सरकार विदेशों से प्याज मंगाकर फंसती नजर आ रही है।
देरी से प्याज आयात के फैसले से बिगड़े हालात
दरअसल, सरकार ने विदेशों से प्याज आयात करने का फैसला देर से लिया था। इसके साथ ही सरकार ने देशी फसल आने और इस वर्ष होने वाले प्याज के स्थानीय उत्पादन का आकलन किए बिना विदेशों से भारी मात्रा मेंप्याज मंगवा लिया। लिहाजा, देशी प्याज के बाजार में आ जाने की वजह से लोग आयातित प्याज खरीदने से परहेज कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि आयातित प्याज का स्वाद कद्दू जेसा है। इसके साथ ही यह आकार में भी काफी बड़ी थी। वहीं, यह प्याज घर में रखे-रखे संड़ जाती है, जिसकी वजह से लोग आयाजित प्याज खरीदना बिल्कुल नहीं चाहते हैं।
सरकार 25 रुपए किलो बेचेगी प्याज
विदेशों से प्याज आयात करने के बाद एक तरह से सरकार फंस गई है। लिहाजा, अब इसे किसी तरह भी निकालने के लिए केन्द्र सरकार कई पड़ोसी देशों के साथ इस प्याज को नो लॉस-नो प्रोफिट के आधार पर बेचने के लिए बात कर रही है। हालांकि, कहीं से भी इस प्याज के खरीदने की बात सामने नहीं आ रही है। ऐसे में सरकार आयातित प्याज को खरीद दाम से आधे में खुदरा बाजार में 25 रुपए किलो बेचने का मन बना रही है। अगर इतनी बड़ी मात्रा में आयातित प्याज को खुदरा बाजार में उतारा जाएगा तो प्याज के दाम में भारी गिरावट आने की आशंका जताई जा रही है।
किसानों को भी होगा नुकसान
केन्द्र सरकार की ओर से देर से और स्थानी प्याज की फसल और उत्पादन क्षेत्र का आकलन किए बिना विदेश से मंगवाए गए प्याज से जनता, सरकार और किसान सभी को भारी नुकसान पहुंचा है। सबसे पहले जब प्याज के दाम आसान को छू रहे थे, तब समय रहते प्याज का आयात नहीं किया गया। जब जनता महंगी प्याज खरीदकर लुट गई, तब सरकार ने प्याज आयात करने का फैसला लिया, जिसकी कीमत लोगों को महंगे प्याज खरीदकर चुकानी पड़ी। देशी फसल बाजार में आने के बाद आयातित प्याज मंगवाने के कारण कोई भी इसे खरीदने को तैयार नहीं है, जिससे सरकार को करोड़ों के राजस्व का नुकसान हो रहा है। वहीं, अब किसानों की फसल बाजार में आ जाने के बाद आयातित प्याज को भी बाजार में उतारने से प्याज के दाम में भारी गिरावट आ रही है, जिससे बढ़े हुए प्याज की कीमत का किसानों को भी लाभ नहीं मिल पाया। यानी प्याज के इस खेल में आम जनता, सरकारी खजाने और किसान सभी को चूना लगाया जा रहा है।
Published on:
20 Jan 2020 02:22 pm
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