
नोएडा. बढ़ती महंगाई और आसमान छूती सब्जियों की कीमत कम होगी इसकी आशा अब लोग छोड़ चुके हैं। लोग महंगाई से निपटने के लिए विकल्प तलाशने लगे हैं। यही वजह है कि नोएडा के सेक्टर-17 में रहने वाली बुजुर्ग महिला ने अपने घर की छत पर बेकार हो चुके बाथ टब, ड्रम और गमलों में सब्जियों की खेती करनी शुरू कर दी है। इस प्रकार जहां उनके घर के खर्च में सब्जी खरीदने में होने वाले पैसे की बचत हो रही है। वहीं उन्हें प्रतिदिन कीटनाशक रहित ताजी सब्जियां खाने को मिल रही है।
उल्लेखनीय है कि कभी टमाटर तो कभी प्याज की कीमतें लोगों को हिलाकर रख देती हैं और इसके लिए लोग सरकार को कोसते हैं, लेकिन नोएडा सेक्टर-17 में रहने वाली सुनीता भगत ने अब इसका विकल्प तलाश लिया है। सब्जियों की कीमत चाहे कीतनी भी बढ़ जाएं, लेकिन अब इससे उनके घर के बजट पर कोई असर नहीं पड़ेगा। दरअसल, उन्होंने अपने घर की छत को किचन गार्डन के रूम में तबदील कर दिया है। अब वे अपने घर की छत पर ही पोष्टिक सब्जियों की खेती करती हैं। 70 साल की सुनीता भगत बताती हैं कि इससे जहां उनका समय भी अच्छे से व्यतीत हो जाता है, वहीं परिवार को बाजार में मिलने वाली केमिकल युक्त सब्जियों से छुटकारा मिल गया है। उन्होंने बताया कि वे इन सब्जियों को आॅर्गेनिक खाद्य से उगाती हैं, ताकि इनकी पोष्टिकता बरकरार रहे। वे कहती हैं कि इस उम्र में लोग ईश्वर की भक्ति में लीन होना चाहते हैं, लेकिन वे प्रकृति की सेवा को ही ईश्वर की भक्ति मानती हैं और इस सेवा का उन्हें भरपूर फल भी मिल रहा है।
सुनीता के किचन गॉर्डन में उगी हैं ये सब्जियां
सुनीता भगत बताती हैं कि पहले अपने रूफटॉप पर एक गार्डन बनाया था, लेकिन आए दिन सब्जियों के बढ़ते दामों ने उन्हें सोचने पर मजबूर कर दिया। इसलिए अब उन्होंने अपने गार्डन को किचन गार्डन में तबदील कर दिया है। उनके इस किचन गॉर्डन में ब्रोकली, फूल गोभी, पालक, मटर, शलजम, प्याज की अच्छी पैदावार हो रही है, जो घर के किचन की जरूरतें पूरी कर रहा है।
समय के साथ मेहनत और जानकारी की आवश्यकता
वहीं बागवानी विशेषज्ञ भी मानते हैं कि एक न्यूक्लीयर फैमिली के लिए गमलों में उगाई गई सब्जियां उनकी जरूरत को पूरा कर सकती हैं, लेकिन इसके लिए समय के साथ मेहनत और जानकारी की आवश्यकता होती है। अगर आप भी इस तरह की खेती करना चाहते हैं तो कृषि विभाग या किसी किसान की मदद ले सकते हैं। साथ ही इंटरनेट के माध्यम से भी काफी जानकारी जुटाई जा सकती है।
Published on:
16 Jan 2018 11:26 am
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