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पीके के बोल पर गरमाई बिहार की सियासत

locationपटनाPublished: Feb 19, 2020 04:58:57 pm

Submitted by:

Navneet Sharma

Bihar news: जदयू से हटाए जा चुके राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर के बोल पर फागुन में ही बिहार की सियासत सिरे से गरमा उठी है।पीके ने बिहार सरकार के कार्यों पर तीखे बोल बोले क्या कि जदयू के नेता ढीले पड़ गये।इस मुद्दे पर किसी को कोई बड़ी प्रतिक्रिया देने से मना कर दिया गया।

पीके के बोल पर गरमाई बिहार की सियासत

पीके के बोल पर गरमाई बिहार की सियासत

पटना. जदयू से हटाए जा चुके राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर के बोल पर फागुन में ही बिहार की सियासत सिरे से गरमा उठी है।पीके ने बिहार सरकार के कार्यों पर तीखे बोल बोले क्या कि जदयू के नेता ढीले पड़ गये।इस मुद्दे पर किसी को कोई बड़ी प्रतिक्रिया देने से मना कर दिया गया।

यही वजह है कि किसी भी टीवी चैनल ने यहां इस बाबत पैनल डिस्कशन नहीं किया।जदयू नेताओं ने टीवी चैनलों पर डिबेट में हिस्सा लेने से मना कर दिया।राज्यसभा में जदयू के नेता आरसीपी सिंह ने पीके के बयान पर सीधी टिप्पणी करने से मना कर दिया।पूछे जाने पर कहा, बड़े लोग हैं,हम क्या कह सकते हैं उन पर।कहा कि गांव गांव घूमने जा रहे हैं तो विकास की हकीकत देख ही लेंगे।कहा,हम क्यों इस पर प्रतिक्रिया दें कि नीतीश कुमार किसी के पिछलग्गू नेता हैं।नीतीश कुमार की पहचान उनके काम से है।धरती पर किसी की ताकत नहीं है कि नीतीश कुमार को पिछलग्गू बना सके।उन्होंने कहा,जदयू कोई निगेटिव कैंपेन नहीं करेगा।हम सिर्फ नीतीश सरकार के कामों का प्रचार करेंगे।
दूसरी ओर लोकसभा में जदयू संसदीय दल नेता राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने कहा कि पीके ने 2005के पहले के बिहार को देखा नहीं है।देखे रहते तो फर्क साफ नज़र आ जाता।कहा कि वह इतने बड़े रणनीतिकार हैं कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 27से नौ पर पहुंचा दिया।वह भी उस हालत में जब परंपरागत विरोधी सपा और कांग्रेस एक मंच पर आ गई थी।सूबे के भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी कहते हैं कि पीके की कोई राजनीतिक प्रतिबद्धता नहीं है।रणनीति बनाना उनका कारोबार है।कहा,अपने कारोबारी फायदे के लिहाज से वह वक्तव्य देते रहते हैं।
सूबे के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी का कहना है कि पीके पाखंडी हैं।ट्वीट कर कहा,पांच साल जो बेरोजगार रहे वे चुनाव आते ही रोजगार यात्रा निकाल अपनी नाकामी पर पर्दा डालने में लग गये हैं।जो इवेंट मैनेजमेंट और स्लोगन राइटिंग का काम करते थे ,वे नया ठेका लेने में लग गये हैं।
पीके के बयान पर विपक्ष की बांछें खिल गई हैं और अब इन्हें इसमें नया पुट नज़र आने लग गया है।आरजेडी नेता और प्रवक्ता चितरंजन गगन ने कहा कि पीके के बयानों पर आग बबूला होने की जगह सत्तारूढ़ खेमे को इसे शालीनता से स्वीकार करना चाहिए।कांग्रेस के प्रवक्ता राजेश राठौड़ ने कहा कि नीतीश कुमार को शराबबंदी से हटकर बेरोजगारी पर ध्यान देना चाहिए।जबकि उपेंद्र कुशवाहा ने साफ तौर पर कहा कि पीके ने आम बिहारियों की बात कही है।बिहार अब पीछे नहीं भविष्य की ओर आगे बढ़ने का आकांक्षी है।

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