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CG News: नक्सल क्षेत्र का नया ट्रेंड: अब महिलाएं भी बन रहीं नशा तस्करी का हिस्सा, ये आकंड़ा देख चौंक जाएंगे आप

CG News: नक्सल प्रभावित बस्तर संभाग में एक नया सामाजिक संकट जन्म ले रहा है। यहां मादक पदार्थों की तस्करी केवल पुरूषों का धंधा नहीं रह गया है।

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नक्सल क्षेत्र का नया ट्रेंड (फोटो सोर्स- पत्रिका)

नक्सल क्षेत्र का नया ट्रेंड (फोटो सोर्स- पत्रिका)

CG News: नक्सल प्रभावित बस्तर संभाग में एक नया सामाजिक संकट जन्म ले रहा है। यहां मादक पदार्थों की तस्करी केवल पुरूषों का धंधा नहीं रह गया है। पिछले कुछ वर्षों में पुलिस कार्रवाई के आंकड़े बताते हैं कि महिलाओं की तस्करी में भागीदारी लगातार बढ़ रही है। यह न केवल कानून-व्यवस्था की चुनौती है, बल्कि समाज के लिए भी चिंता का विषय है।

बस्तर संभाग में मादक पदार्थों की तस्करी में महिलाएं भी पीछे नहीं

नक्सल क्षेत्र बस्तर संभाग में नशे के कारोबार ने पिछले कुछ वर्षों में नया मोड़ लिया है। पुरूष तस्करों के लगातार गिरफ्तारी होने की वजह से तस्करी के इस गोरखधंधे में अब महिलाओं को तेजी से शामिल किया जा रहा हैं। यही वजह है कि पुलिस की कार्रवाई में पिछले तीन वर्षों में दो दर्जन से अधिक महिलाएं गांजा और अन्य मादक पदार्थों के साथ पकड़ी जा चुकी हैं। बीते वर्ष तीन महीनों में ही बस्तर पुलिस ने 13 महिलाओं को अलग-अलग जगहों से कुल 100 किलो गांजा के साथ गिरफ्तार किया। बरामद गांजा की कीमत 10 लाख रुपए से अधिक है। इन महिला तस्करों की गिरफ्तारी खासकर रेलवे स्टेशन और बस स्टैण्ड से हुई है। जहां पुलिस की नजर इन पर कम पड़ती है।

जानें क्यों बढ़ रही है महिलाओं की भागीदारी

पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, नशीले पदार्थ की तस्करी में पुरूषों की गिरफ्तारी बढ़ने के बाद महिलाओं को इस धंधे में शामिल किया गया है। कई मामलों में महिलाएं अपने पति या परिवार के दबाव में शामिल होती हैं। वहीं, कुछ महिलाएं बेरोजगारी और लालच में आकर इस काम को अपनाती हैं। तस्कर गिरोह जानबूझकर महिलाओं को मोहरा बनाते हैं ताकि पुलिस की नजर से बचा जा सके।

अलग-अलग तरीके अपनाने लगीं महिलाएं

जांच में सामने आया है कि महिलाएं तस्करी के लिए तरह-तरह के तरीके अपनाती हैं। टूरिस्ट के रूप में बस्तर आने वाले महिलाएं बैग, हैंडबैग, बच्चों के सामान, यहां तक कि अंत:वस्त्रों में भी गांजा व अन्य नशे का सामान छिपाकर ले जाया जाता है। किन्तु अब पुलिस भी इन तस्करों को पकड़ने में कामयाब हो रही है। इनमें कुछ महिला के साथ मासूम बच्चे भी थे जिन्हें अब मां के साथ जेल के सलाखों में जीना पड़ रहा है। गिरतार महिलाओं की आयु 30 से लेकर 50 वर्ष तक हैं।

बीते वर्ष कुछ महिला तस्करों की गिरफ्तारी पर नजर

दिनांक- महिला की संख्या- जप्त गांजा - स्थान

17 जुलाई - 1 महिला - 4 किलो - आमागुड़ा रेल्वे स्टेशन
30 अगस्त - 4 महिला - 15.400 किलो - बस स्टैंण्ड
5 सितंबर - 2 महिला - 21.600 किलो - रेल्वे स्टेशन
9 सितंबर - 1 महिला - 06 किलो - बस स्टैंण्ड
7 अक्टूबर - 1 महिला - 05.150 किलो - रेल्वे स्टेशन
15 अक्टूबर - 1 महिला - 10.500 किलो - रेल्वे स्टेशन

बस्तर में जिले वार गांजा तस्करी के मामले

जिला - प्रकरण - आरोपी - जप्त गांजा

बस्तर - 246 - 432 - 11,181.900 किलो
सुकमा - 106 - 166 - 5052.330 किलो
कोंडागांव - 78 - 117 - 4,903.250 किलो
कांकेर - 43 - 65 - 1069.800 किलो
दंतेवाड़ा - 11 - 13 - 349 किलो
नारायणपुर - 01 - 3 - 605 किलो

पुलिस की चुनौतियां

महिलाओं की बढ़ती भागीदारी से पुलिस के सामने नई चुनौती खड़ी हो गई है।

  • जांच और तलाशी के लिए महिला पुलिस बल की जरूरत बढ़ गई है।
  • ग्रामीण इलाकों में महिलाओं से पूछताछ करना सामाजिक दृष्टि से संवेदनशील मामला होता है।
  • संगठित गिरोह लगातार नए चेहरे और तरीके अपनाते हैं जिससे निगरानी कठिन हो जाती है।

समाज पर असर

महिलाओं का अपराध में शामिल होना परिवार और समाज पर गहरा असर डाल रहा है।

  • कई परिवार टूट रहे हैं, बच्चों का पालन-पोषण प्रभावित हो रहा है।
  • ग्रामीण समाज में महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान को लेकर नई बहस छिड़ गई है।
  • नशे के प्रसार से युवाओं में लत और अपराध की प्रवृत्ति बढ़ रही है।