
City of ponds in Chhattisgarh (Photo source- Patrika)
City of ponds in Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ का ऐतिहासिक और धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण नगर रतनपुर अपनी अद्भुत प्राकृतिक और सांस्कृतिक विरासत के लिए जाना जाता है। इसे "तालाबों की नगरी" कहा जाता है, क्योंकि यहां चारों ओर फैले अनगिनत छोटे-बड़े तालाब न केवल इसकी सुंदरता को बढ़ाते हैं, बल्कि जल-संरक्षण और जीवनयापन का भी महत्वपूर्ण साधन हैं।
रतनपुर की पहचान सिर्फ इसके तालाबों से ही नहीं, बल्कि प्राचीन किलों, मंदिरों और पौराणिक कथाओं से भी जुड़ी हुई है। यह नगर बिलासपुर जिले में स्थित है और छत्तीसगढ़ के धार्मिक पर्यटन का एक प्रमुख केंद्र है।
छत्तीसगढ़ की धरती प्राकृतिक संसाधनों, जल-संरचना और सांस्कृतिक धरोहर से समृद्ध है। इन्हीं में से एक अनमोल धरोहर है रतनपुर, जिसे पूरे प्रदेश में “तालाबों की नगरी” के नाम से जाना जाता है। यह स्थान न केवल अपने तालाबों के लिए, बल्कि धार्मिक महत्व और ऐतिहासिक विरासत के लिए भी प्रसिद्ध है।
रतनपुर का इतिहास लगभग एक हजार वर्ष पुराना है। यह कलचुरी राजवंश की प्राचीन राजधानी रही है। राजा रत्नदेव ने इस नगर की स्थापना की, जिससे इसका नाम रतनपुर पड़ा। कलचुरी शासकों ने यहां भव्य मंदिर, किले और जलाशय बनवाए, जिनमें तालाबों का विशेष स्थान रहा।
कभी रतनपुर में 1,400 तालाब बताए जाते थे, जिनमें से कई तालाब आज भी जीवंत हैं।
स्थानीय मान्यता है कि वर्ष के 365 दिनों के लिए यहां 365 तालाब बनाए गए थे, ताकि पूरे साल पानी की कमी न हो।
इन तालाबों का निर्माण जल-संचयन, सिंचाई, धार्मिक अनुष्ठानों और सामुदायिक जरूरतों को ध्यान में रखकर किया गया था।
रतनपुर और इसके आसपास के कुछ प्रमुख तालाब-
राम तालाब – धार्मिक आस्था और स्नान के लिए प्रसिद्ध।
खांड तालाब – प्राचीन संरचना और प्राकृतिक सौंदर्य का अद्भुत मेल।
राजा-रानी तालाब – कलचुरी काल के शाही जलाशयों में से एक।
मदन तालाब – मानसून जल-संचयन का महत्वपूर्ण केंद्र।
तालाबों का संबंध केवल पानी से नहीं, बल्कि रतनपुर की संस्कृति और परंपराओं से भी है। नवरात्रि, छठ पर्व और अन्य धार्मिक आयोजनों में इन जलाशयों का विशेष महत्व होता है। यहां के तालाब स्थानीय लोककथाओं और ऐतिहासिक प्रसंगों में भी दर्ज हैं।
Updated on:
11 Aug 2025 06:51 pm
Published on:
11 Aug 2025 06:39 pm
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