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खुशखबरी, खुलने वाले हैं टाइगर रिजर्व, शुरू होने वाली है जंगल सफारी, एमपी सरकार की बड़ी तैयारी

Good News: मध्यप्रदेश में मानसून विदाई की ओर है और बारिश का सीजन जाते ही टाइगर रिजर्व और नेशनल पार्कों को आम लोगों के लिए फिर से खोल दिया जाता है। अगर आप भी कर रहे हैं, जंगल सफारी की प्लानिंग तो जरूर पढ़ें आपके काम की ये खबर

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MP tiger Reserve

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MP News: संजना कुमार@ patrika.com: मध्यप्रदेश में टाइगर रिजर्व में एंट्री एक बार फिर से शुरू होने वाली है। मानसून के दौरान बंद रहने वाले एमपी के घने-गहरे जंगलों में एक अक्टूबर से फिर सैर का मजा लिया जा सकेगा। फिर से जंगल सफारी शुरू होगी और टूरिस्ट का रोमांच दोगुना होगा। अगर आप भी टाइगर सफारी के बारे में सोच रहे हैं, तो patrika.com की ये खबर आपके बेहद काम आएगी। यहां हम आपको बता रहे हैं टाइगर सफारी का रोमांच कहां मिलेगा कहां दिखेंगे आपको टाइगर, जानें टाइगर सफारी को लेकर मध्यप्रदेश सरकार की क्या है तैयारी?

दरअसल मध्यप्रदेश सरकार ने साफ कर दिया है कि आने वाले वर्षों में जंगल सफारी अकेले पर्यटन का साधन नहीं रहेगी, बल्कि 'प्रकृति और मानव का संगम' का केंद्र बनेगी। इसका मतलब है, पर्यटक जंगल का मजा तो लें, लेकिन इसके साथ ही वन्य जीवों के संरक्षण और उनके प्रति जागरुकता का हिस्सा भी बनें।

जानें क्या होंगे बदलाव

-- सस्टेनेबल सफारी मॉडल- सीमित गाड़ियां, तय समय और पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना टूर।

-- नेचर कैंप और एजुकेशन टूर- स्कूल-कॉलेज के बच्चों को जंगल की सैर, ताकि आने वाली पीढ़ी बाघों के साथ ही पर्यावरण से भी जुड़ सके।

-- 'बाघ मित्र' कार्यक्रम- स्थानीय लोगों को जंगल संरक्षण का हिस्सा बनाकर उन्हें रोजगार और जिम्मेदारी दोनों देना होगी।

कहां-कहां ले सकते हैं जंगल/टाइगर सफारी का मजा?

मध्यप्रदेश में कुल 9 टाइगर रिजर्व और नेशनल पार्क हैं। इनमें से कुछ ऐसे हैं जिन्हें सफारी के रोमांच के लिए दुनिया भर में जाना जाता है।

-1- कान्हा टाइगर रिजर्व (मंडला-बालाघाट)

'मोगली लैंड' के नाम से मशहूर कान्हा टाइगर रिजर्व घने साल वृक्षों का जंगल है और खुले मैदानों में यहां बाघ आसानी से दिख जाते हैं। बाघ के अलावा यहां बारासिंगा (swamp deer) भी विशेष आकर्षण का केंद्र है।

-2- बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व (उमरिया)

दुनिया में सबसे ज्यादा बाघ घनत्व वाला रिजर्व। यहां टाइगर साईटिंग की संभावना सबसे अधिक मानी जाती है। किले और गुफाएं इसे ऐतिहासिक पटल पर भी रोमांचक बना देती है। यही कारण है कि बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व वाइल्डलाइफ लवर्स के लिए सबसे बेहतरीन जगह है।

-3- पेंच टाइगर रिजर्व (सीमोर-छिंदवाड़ा)

रुडयार्ड किपलिंग की जंगल बुक की प्रेरणा इसी टाइगर रिजर्व को माना जाता है। यहां बाघों के साथ जंगली कुत्ते (ढोल) और तेंदुए भी खूब नजर आ जाते हैं। इसके अलावा यहां चिंकारा और बारहसिंगा के साथ ही नील गायें भी नजर आ जाती हैं।

-4- सतपुड़ा टाइगर रिजर्व (होशंगाबाद-बैतुल)

वाइल्डलाइफ सफारी के साथ यहां कैनोईंग और ट्रैकिंग भी संभव है। अपेक्षाकृत शांत और कम भीड़भाड़ वाला ये टाइगरग रिजर्व भी वाइल्ड लाइफ लवर्स का फेवरेट प्लेस है।

-5- मुकुंदपुर व्हाइट टाइगर सफारी (रीवा-मैहर)

सफेद बाघ देखने का अनुभव अपने आप में ही रोमांचक है। बच्चा पार्टी साथ हो, तो ये मजा दोगुना हो जाता है कि एक तो टाइगर वह भी व्हाइट…।

-6- रातापानी टाइगर रिजर्व के साथ ही अन्य नए टाइगर रिजर्व

यहां आने वाले समय में सफारी और पर्यटन की बड़ी संभावनाएं हैं। नर्मदा नदी के किनारे बसे जंगलों की सुंदरता इन्हें और भी खास बना देती है। माना जाता है कि अब तक का सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व राजधानी भोपाल के नजदीकी टाइगर रिजर्व रातापानी में देखा गया था। जिसमें कुल 25 सदस्य एक साथ जंगल की सैर करते नजर आए थे। इसके अलावा आप माधव नेशनल पार्क और नौरादेही टाइगर रिजर्व में भी जल्द ही सफारी का मजा ले सकेंगे।

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कैसे पहुंचे?

रेल से: जबलपुर, उमरिया, मंडला, नागपुर और भोपाल से इन टाइगर रिजर्व्स के लिए नजदीकी रेल नेटवर्क मौजूद हैं।

हवाई मार्ग से: जबलपुर, भोपाल और नागपुर एयरपोर्ट सबसे आसान विकल्प हैं, जिनके माध्यम से आप एयर कनेक्टिविटी पाते हैं और आसानी से इन टाइगर रिजर्व तक पहुंच सकते हैं।

सड़क मार्ग से: राष्ट्रीय राजमार्ग और लोकल टैक्सी/बस सेवाएं सफारी स्थलों तक पहुंचने में आपकी मदद करेंगी। सड़क मार्ग आपके इस रोमांच को भी बढ़ा देंगे।

सफारी बुकिंग कैसे करें?

-1- ऑनलाइन बुकिंग

MP Tourism और वन विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर सफारी की ऑनलाइन बुकिंग उपलब्ध है। आपको बता दें कि 30 दिन पहले से ही आपको ऑनलाइन बुकिंग करने की सुविधा मिलना शुरू हो जाती है। कुछ टाइगर रिजर्व और नेशनल पार्क 1 अक्टूबर से शुरू हो रहे हैं, तो कुछ 15 अक्टूबर से रिओपन होंगे। टूरिस्ट खुद जोन (कोर/बफर) चुन सकते हैं और अपनी गाड़ी/सीट रिजर्व कर सकते हैं। इसके लिए आप वेबसाइट- forest.mponline.gov.in पर जाकर अपनी सुविधानुसार बुकिंग कर सकते हैं। या फिर जिस भी टाइगर रिजर्व या नेशनल पार्क में आपको घूमना है, उस पार्क या रिजर्व की वेबसाइट पर भी आपके लिए बुकिंग की सुविधा उपलब्ध रहती है।

-2- ऑफलाइन बुकिंग

टाइगर रिजर्व के गेट पर भी सीमित पास मिलते हैं, लेकिन पीक सीजन (अक्टूबर-जून) में ऑनलाइन बुकिंग ही बेहतर होती है। वरना हो सकता है आपको वाइल्डलाइफ की सैर करने का मौका न मिले या उसके लिए लंबा इंतजार करना पड़े।

-3- टूर पैकेज

MP Tourism और कई प्राइवेट ऑपरेटर होटल, सफारी और गाइड पैकेज भी उपलब्ध कराते हैं। इनके माध्यम से आप अपनी यात्रा को और भी आसान बना सकते हैं।

जानें कबसे शुरू हो रहे टाइगर रिजर्व और नेशनल पार्क

-1- पेंच टाइगर रिजर्व: खुलने की तिथि: 16 अक्टूबर से। ऑनलाइन बुकिंग 1 अक्टूबर से शुरू हो जाएगी।

-2- कन्हा नेशनल पार्क: खुलने की तिथि: 1 अक्टूबर से। ऑनलाइन बुकिंग उपलब्ध है।

-3- बांधवगढ़ नेशनल पार्क: खुलने की तिथि: 15 अक्टूबर से। ऑनलाइन बुकिंग उपलब्ध है।

-4- सतपुड़ा टाइगर रिजर्व: खुलने की तिथि: 15 अक्टूबर से। ऑनलाइन बुकिंग उपलब्ध है।

-5- पन्ना टाइगर रिजर्व: खुलने की तिथि: 1 अक्टूबर से। ऑनलाइन बुकिंग अब उपलब्ध है।

-6- नौरादेही वन्यजीव अभयारण्य: खुलने की तिथि: नवंबर से।

सफारी टाइमिंग और सीजन: जानें कब घूम सकते हैं यहां

सर्दी (अक्टूबर से मार्च) - जंगल हरा-भरा और ठंडा होता है। इसलिए सबसे ज्यादा टूरिस्ट इस दौरान ही जंगलों की सैर करने चले आते हैं।

गर्मी (अप्रैल से जून) - टाइगर साईटिंग के लिए बेस्ट समय है अप्रैल से जून का, क्योंकि बाघ उनके लिए बनाए गए या फिर नेचुरल पानी के सोर्स पर पानी पीने आते हैं। ऐसे में उन्हें देखना आसान हो जाता है।

मानसून (जुलाई-सितंबर)- मानसून के इस सीजन में नेशनल पार्क और टाइगर रिजर्व बंद कर दिए जाते हैं। ताकि जंगल और जंगली प्राणियों को भी आराम मिल सके। वहीं टूरिस्ट को बारिश के कारण या जंगली जानवरों के कारण किसी भी तरह की दुर्घटना या अनहोनी का सामना न करना पड़े।

जंगल सफारी या टाइगर सफारी के लिए एडवांस बुकिंग शुरू हो चुकी है। अगर आप भी बारिश के बाद नये और हरे-भरे हुए जंगल में टाइगर, लैपर्ड के साथ ही वाइल्ड लाइफ का मजा लेना चाहते हैं, तो अभी से करें बुकिंग और फिर करे नेचर को करीब से जानने की तैयारी।