8 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

राजस्थान में अगले दशक में बनेंगे 56,000 डॉक्टर, तो क्या सरकारी भर्तियां होगी तेज?

Rajasthan Government Doctor : राजस्थान में अब तेजी से डाक्टर बन रहे हैं। अगले दशक में 56,000 डॉक्टर बनेंगे। पर सरकारी अस्पतालों में आज भी डाक्टरों की कमी खल रही है। सरकारी संस्थानों में डाक्टरों की भर्ती की गति बहुत धीमी है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट।

2 min read
Google source verification
Rajasthan will have 56,000 doctors in next decade so will Bhajanlal government recruitments speed up

ग्राफिक्स फोटो पत्रिका

Rajasthan Government Doctor : राजस्थान में बीते एक दशक के दौरान सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेजों में 15 हजार नए डॉक्टर तैयार हुए हैं। राज्य में मेडिकल कॉलेजों की संख्या 42 और एमबीबीएस सीटें 5668 तक पहुंच चुकी है। यानि अब अगले दस साल की बात करें तो राज्य में 56668 नए डॉक्टर तैयार होंगे। लेकिन सरकारी भर्ती की गति इतनी कम है कि सालानातौर पर भी अभी भर्तियां पूरी नहीं हो पा रही हैं।

8 वर्षों में कुल 10 हजार डॉक्टरों की भर्ती

कैग रिपोर्ट 2025 के अनुसार अनुसार वर्ष 2016-17 से अब तक 8 वर्षों में कुल 10 हजार डॉक्टरों की भर्ती हुई। वहीं केवल 2022-25 की अवधि में ही 15 हजार से अधिक एमबीबीएस पासआउट हुए हैं। यानी, नए डॉक्टर बन रहे हैं, लेकिन उन्हें अस्पतालों में जगह नहीं मिल रही। विशेषज्ञ डॉक्टरों की स्थिति भी अलग नहीं है। पीजी सीटों में भले ही बढ़ोतरी हुई हो, लेकिन उनकी नियुक्तियां मुख्य रूप से मेडिकल कॉलेज स्तर तक सीमित हैं। ग्रामीण और जनजातीय क्षेत्रों के अस्पताल आज भी विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी से जूझ रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि अब मौजूदा स्वीकृत पदों के बजाय अब कैडर व्यू कर अस्पतालों की जरूरत के हिसाब से पद स्वीकृत किए जाने चाहिए।

कॉलेज और सीटें भी बढ़ी

31 मार्च 2016 तक प्रदेश के 7 जिलों में 8 सरकारी मेडिकल कॉलेज थे। वहीं नीट-यूजी 2025 सीट मैट्रिक्स के मुताबिक राजस्थान में अब 42 मेडिकल कॉलेज 30 सरकारी व 12 निजी हैं। जिनमें 5668 एमबीबीएस सीटें स्वीकृत हैं। इनमें से 3618 सरकारी और 2050 निजी सीटें हैं। 2022 से 2025 तक मात्र तीन साल में 1231 सीटें बढ़ीं, जिनमें सरकारी कॉलेजों में ही 841 सीटों का इजाफा हुआ। यानी, हर साल सैकड़ों नए डॉक्टर तैयार हो रहे हैं।

35 फीसदी डॉक्टरों की कमी

सीएजी और एचडीआई रिपोर्ट के मुताबिक, प्रदेश के प्राथमिक और माध्यमिक स्तर के संस्थानों में डॉक्टरों की कमी 35.51 प्रतिशत और विशेषज्ञ चिकित्सकों की 38.55 प्रतिशत दर्ज की गई। तृतीयक संस्थानों में भी 21.45 प्रतिशत डॉक्टर और 24.89 प्रतिशत विशेषज्ञों के पद खाली हैं।