प्रणब दा की चुनाव आयोग को नसीहत
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने मंगलवार को बयान जारी किया। इसमें लिखा गया, ‘EVM की सुरक्षा मामले में संस्थागत अखंडता सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी चुनाव आयोग के पास है। उन्हें ऐसा कदम उठाना चाहिए जिससे इसको लेकर सभी अटकलों पर लगाम लग सके।’बयान में यह भी कहा गया कि, ‘मैं वोटरों के मत से छेड़छाड़ की आ रही रिपोर्ट्स से चिंतित हूं। EVM इस वक्त चुनाव आयोग के कब्जे में है, इसलिए इसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी भी निर्वाचन आयोग की है।’
‘लोकतंत्र में ऐसी अटकलों की जगह नहीं’
पूर्व राष्ट्रपति की ओर से जारी किए पत्र में आगे लिखा गया है, ‘लोकतंत्र में ऐसे अटकलों की जगह नहीं है जो इसके नींव को ही चुनौती देती हों। लोगों का मत बहुत खास होता है और यह किसी भी तरह के संदेह से परे होना चाहिए।’ प्रणब दा ने आगे भारतीय लोकतंत्र में अपना भरोसा जताते हुए यह भी कहा कि यह सुनिश्चित करना ‘कामगारों’ की जिम्मेदारी है कि संस्थान रूपी ‘औजार’ किस तरह से प्रदर्शन करे।
प्रणब दा के बयान से विपक्ष को झटका! विवादों से घिरे चुनाव आयोग की तारीफ की
पहले की थी चुनाव आयोग की तारीफ
आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव के सात चरणों में हुए मतदान के दौरान चुनाव आयोग की भूमिका की विपक्ष ने खासी आलोचना की थी। आचार संहिता के उल्लंघन के मामलों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बार-बार क्लीन-चिट मिलने की बात भी मीडिया की सुर्खियों में छाई रही। हालांकि, इसी बीच सोमवार को प्रणब दा ने चुनाव आयोग की तारीफ करते हुए शानदार तरीके से चुनाव संपन्न कराने की बात कही थी। उन्होंने यह बयान दिल्ली में एक पुस्तक के विमोचन के कार्यक्रम में दिया था। इस दौरान उन्होंने कहा था कि चुनाव आयुक्त सुकुमार सेन से लेकर अब तक के चुनाव आयुक्तों और आयोग ने बेहतर ढंग से काम किया है। प्रणब मुखर्जी ने कहा कि कार्यपालिका द्वारा नियुक्त तीनों आयुक्तों ने अपना काम बेहतर ढंग से निपटाया है। यही नहीं, पूर्व राष्ट्रपति ने यहां तक कहा था कि चुनाव आयोग की आलोचना नहीं की जा सकती।