6 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

मोदी कैबिनेट में शामिल हुए अमित शाह, अब BJP का अगला अध्यक्ष कौन होगा?

अमित शाह के बाद कौन संभालेगा दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी पार्टी और संघ के लिए आसान नहीं होगा अगले बीजेपी अध्यक्ष का चयन अमित शाह के विकल्प में 3 नाम लेकिन चुनौतियां कई

3 min read
Google source verification
amit shah

मोदी कैबिनेट में शामिल हुए अमित शाह तो BJP का अगला अध्यक्ष कौन होगा?

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( Narendra Modi ) ने बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ( Amit Shah ) को अपनी कैबिनेट में शामिल कर लिया है। गृहमंत्री का पद मिलने के साथ ही शाह अब मोदी सरकार में नंबर दो का रुतबा रखने वाले शख्स बन गए हैं। ऐसे में शाह को अब बीजेपी अध्यक्ष पद से इस्तीफा देना होगा। क्योंकि बीजेपी ‘एक व्यक्ति एक पद’ के सिद्धांत पर यकीन रखने की बात कहती है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल उठता है कि शाह के बाद बीजेपी का नया बॉस कौन होगा? इन कयासों के बीच ही दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी मानी जाने वाली बीजेपी के अध्यक्ष पद की रेस में कई नाम सामने आने लगे हैं।

यह भी पढ़ें: रामदेव बोले- अकेले 300 सीटें जीतना कमाल, 23 मई को मनाया जाए मोदी दिवस

जेपी नड्डा: एनडीए-1 की सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रहे 59 वर्षीय जय प्रकाश नड्डा को बीजेपी अध्यक्ष पद की कमान सौंपी जा सकती है। नरेंद्र मोदी के साथ नड्डा का संबंध शुरू से ही अच्छा रहा है। एक समय शिमला में जेपी नड्डा के घर में ही नरेंद्र मोदी रहा करते थे। ब्राह्मण परिवार आने वाले नड्डा बीजेपी संसदीय बोर्ड के सचिव भी हैं। वे पार्टी के लिए कुशल रणनीतिकार माने जाते हैं। लोकसभा चुनाव में उनक कंधों पर उत्तरप्रदेश की जिम्मेदारी थी, जहां बीजेपी को 80 में से 62 सीटों पर जीत मिली है। शाह और संघ को भी उनके नाम पर आपत्ति नहीं होने की उम्मीद है।

यह भी पढ़ें: ममता के यू टर्न पर विजयवर्गीय का बयान- ना आना आपका निर्णय, बुलाना हमारा अधिकार

कैलाश विजयवर्गीय: बीजेपी में राष्ट्रीय महासचिव और ममता के गढ़ में सेंध लगाने वाले कैलाश विजयवर्गीय राजनीतिक का एक बड़ा चेहरा है। अमित शाह के सबसे करीबी लोगों में से एक विजयवर्गीय ने लोकसभा चुनावों पश्चिम बंगाल की सियासत को पलट कर रख दिया है। बीजेपी को रिकॉर्ड 18 सीटें फतह कराकर विजयवर्गीय ने अपने संगठनात्मक क्षमता का परिचय दे दिया है। केंद्र की सियासत में उनका कद बढ़ना तय है।

यह भी पढ़ें: शशि थरूर ने हल की राहुल गांधी की मुश्किल, बोले- मैं लोकसभा में नेता कांग्रेस बनने को तैयार

धर्मेंद्र प्रधान: पिछली मोदी सरकार की सबसे चर्चित योजनाओं में से एक उज्ज्वला योजना का श्रेय धर्मेंद्र प्रधान को ही जाता है। मोदी और दोनों के करीबी माने जाने वाले प्रधान अक्सर गंभीर मुद्रा में देखे जाते हैं। लोकसभा चुनाव में ओडिशा में बीजेपी के बेहतरीन प्रदर्शन के बाद वे मोदी-शाह की नजर में बने हुए हैं। मोदी कैबिनेट में शामिल होने के बाद अब प्रधान रेस में पिछड़ते दिख रहे हैं।

यह भी पढ़ें: गाबा बनाए जा सकते हैं नए कैबिनेट सचिव, 30 मई को ही मोदी कर सकते हैं कई नौकरशाहों की नियुक्ति

नितिन गडकरी: मोदी सरकार में रहते हुए अपने बेबाक बयानों से गडकरी पूरे पांच साल चर्चा में रहे हैं। महाराष्ट्र से ताल्लुक रखने वाले नितिन गडकरी कुछ समय पहले तक एनडीए की ओर से प्रधानमंत्री पद के भी अघोषित उम्मीदवार भी थे। इससे पहले 2010 से 2013 तक वे भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके हैं और मोदी कैबिनेट के रत्नों में से एक हैं। बीजेपी अध्यक्ष पद के लिए वो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और खासकर मोहन भागवत और भैयाजी जोशी की पहली पसंद बन सकते हैं। दूसरी बार मोदी कैबिनेट में काबिज होने के बाद गड़करी का नाम भी पिछड़ता दिख रहा है।

यह भी पढ़ें: एयर मार्शल रघुनाथ नांबियार बोले- हां, घने बादलों में विमानों को नहीं खोज पाते हैं कई रडार

निष्कर्ष: अमित शाह ने पार्टी की नेतृत्व कर बीजेपी को भारतीय राजनीतिक के शीर्ष पर पहुंचाया है। इस आधार पर उनका विकल्प मिलना आसान नहीं है। मोदी सरकार से बाहर रहते हुए भी उनका केंद्र सरकार में बराबर दखल रहा है। अब मोदी, शाह और संघ मिलकर चाहे जिसे भी बीजेपी की कमान सौंपे, उसके लिए शाह की उपलब्धियां से आगे निकलना किसी चुनौती से कम नहीं है।