ममता सरकार के मंत्री और जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष सिद्दिकुल्लाह चौधरी ने कहा कि तीन तलाक बिल पास होना दुख का विषय है। और यह इस्लाम पर हमला है। टीएमसी के इस मंत्री ने संविधान को चुनौती दे डाली है। चौधरी ने कहा कि हम तीन तलाक पर बने कानून को स्वीकार नहीं करेंगे। सिद्दिकुल्लाह चौधरी ने कहा कि जब इस पर केंद्रीय कमिटी की मीटिंग होगी तो हम आगे की कार्रवाई पर सोचेंगे ।
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राष्ट्रपति से तीन तलाक बिल को मंजूरी
गौरतलब है कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने तीन तलाक बिल को मंजूरी दे दी है। इस मंजूरी के साथ ही तीन तलाक कानून अस्तित्व में आ गया । यह कानून 19 सितंबर 2018 से लागू माना जाएगा।
तीन तलाक बिल संसद के दोनों सदनों से पहले ही पास हो चुका है। बता दें कि नए बने कानून में तीन तलाक कहने वाले लोगों को तीन साल की सजा का प्रावधान है। यही नहीं इसे संज्ञेय अपराध की श्रेणी में रखा गया है।
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तीन तलाक पर तीखी बहस
राज्यसभा में तीन तलाक बिल के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस भी देखने को मिली। सरकार ने मुस्लिम महिलाओं के लिए इसे न्याय बताया वहीं नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने कहा कि इस बिल का मूल मकसद मुस्लिम परिवारों को तोड़ना है। सरकार इस बिल के जरिए मुस्लिम महिलाओं के नाम पर मुसलमानों को निशाना बना रही है।