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तत्कालीन एसडीएम पर फिर गिरी गाज, बहाली से पहले दोबारा किए गए निलंबित

Bajarmuda compensation scam: बजरमुड़ा मुआवजा घोटाले में दोषी पाए गए तत्कालीन एसडीएम अशोक मार्बल को GAD ने बहाली से पहले ही दोबारा निलंबित कर दिया।

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Bajarmuda compensation scam: बजरमुड़ा में हुए भू-अर्जन के मुआवजा घोटाले में निलंबित तत्कालीन एसडीएम को सामान्य प्रशासन विभाग ने बहाली के पूर्व ही दोबारा निलंबित कर दिया है। घरघोड़ा के तमनार में छत्तीसगढ़ पॉवर जनरेशन कंपनी को आवंटित कोल ब्लाक गारे-पेलमा सेक्टर-३ के प्रभावित ग्राम बजरमुड़ा, करवाही, ढोलनारा में परिसंपत्तियों के किए गए मूल्यांकन में काफी बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई थी। इसे राज्य स्तरीय जांच टीम ने प्रमाणित किया और इसमें तत्कालीन एसडीएम अशोक कुमार मार्बल इसमें दोषी पाए गए।

आर्थिक गड़बड़ी के इस मामले में सामान्य प्रशासन विभाग ने 5 जून 2025 को घरघोड़ा के तत्कालीन एसडीएम अशोक कुमार मार्बल को निलंबित किया था, लेकिन इस मामले में आरोप पत्र प्रस्तुत नहीं हो पाया था। विदित हो कि शासन के नियमानुसार किसी भी प्रकरण में संबंधित अधिकारी व कर्मचारी के खिलाफ 90 दिनों के भीतर आरोप पत्र प्रस्तुत करना होता है, आरोप पत्र नियत अवधि में प्रस्तुत न करने पर वह स्वमेव बहाल हो जाता है।

इसी का लाभ उठाने की तैयारी पिछले दिनों चल रही थी। तत्कालीन एसडीएम वर्तमान में सारंगढ़ जिले में डिप्टी कलेक्टर के पद पर पदस्थ थे। आरोप पत्र नियत अवधि में प्रस्तुत न हो पाने की स्थिति में उक्त डिप्टी कलेक्टर फिर से बहाली के प्रयास में थे। इस बात को लेकर विभाग में चर्चा का विषय बना हुआ था जिसे पत्रिका ने पिछले दिनों प्रमुखता से उठाया।

इसके बाद सामान्य प्रशासन विभाग ने इस मामले को संज्ञान में लिया और घरघोड़ा के तत्कालीन एसडीएम व वर्तमान में सारंगढ़ जिले में पदस्थ डिप्टी कलेक्टर अशोक मार्बल द्वारा अनुशासनात्मक कार्रवाई के प्रकरण को प्रभावित करने की संभावना को देखते हुए पुन: निलंबित किया है। इस बार निलंबन अवधि में संबंधित अधिकारी का मुयालय कार्यालय आयुक्त रायपुर संभाग कर दिया गया है।

अन्य पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं

Bajarmuda compensation scam: इस मामले में दोषी पाए गए तत्कालीन अधिकारियों में तहसीलदार बंदेराम भगत व परिसंपत्तियों के मूल्यांकन टीम में शामिल वन विभाग के बीट गार्ड रामसेवक महंत, वरिष्ट उद्यानिकी अधिकारी संजय भगत, व लोक निर्माण विभाग के इंजीनिीयर धर्मेंद्र त्रिपाठी के खिलाफ अब तक न तो कोई विभागीय कार्रवाई हुई है न ही तत्कालीन कलेक्टर के आदेश पर एफआईआर दर्ज हुआ है।

संबंधित विभाग भी साधे मौन

मामले में संलिप्त उक्त अधिकारी व कर्मचारियों पर कार्रवाई को संबंधित विभाग भी मौन साधे हुए हैं। विभाग के अधिकारी अनौपचारिक रूप से इस मामले में किसी प्रकार का प्रतिवेदन व कार्रवाई के निर्देश अब तक न मिलने की बात कह रहे हैं।

सामान्य प्रशासन विभाग ने इस मामले में संबंधित अधिकारी के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की गई है। इसकी जानकारी मिली है: संजय कन्नौजे, कलेक्टर सारंगढ़