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आपने बनाया है तो संवारेंगे कब… नारा लगाते नर्सों ने निकाली रैली, मरीजों की बढ़ी मुश्किलें

CG Nurses strike: प्रबंधन का दावा है कि हड़ताल का अस्पताल पर खास असर नहीं है। जरूरी ब्लड जांच या सैंपलिंग तथा रेडियो डायग्नोस्टिक विभाग में रेगुलर व संविदा कर्मी सेवाएं दे रहे हैं।

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CG Nurses strike (Photo source- Patrika)

CG Nurses strike (Photo source- Patrika)

CG Nurses strike: आंबेडकर अस्पताल में एनएचएम कर्मियों की हड़ताल से वार्डों में मरीजों की सेवाएं प्रभावित हो रही हैं। यही स्थिति डीकेएस सुपर स्पेशलिटी अस्पताल की है। आंबेडकर में एनएचएम की 118 नर्स सेवाएं दे रही हैं, जो 24 दिन से ड्यूटी पर नहीं आ रही हैं। सेवा प्रभावित न हो इसलिए नर्सिंग कॉलेज की छात्राओं की ड्यूटी लगाई गई है। हालांकि छात्र व डिग्रीधारी की ड्यूटी में फर्क साफ दिख रहा है।

CG Nurses strike: नर्स एनएचएम के तहत दे रहीं सेवाएं

चूंकि ये छात्राएं पढ़ाई कर रही है इसलिए सीनियर नर्स उन्हें मरीजों की देखभाल कैसी करनी है, सीखा रही हैं। दूसरी ओर हड़ताल के कारण शहरी स्वास्थ्य केंद्र, पीएचसी व सीएचसी का बुरा हाल है। इसके कारण मरीजों का इलाज व जांच बुरी तरह प्रभावित हो रही है। 25 कर्मचारियों की बर्खास्तगी के बाद आंदोलन और तेज हो गया है। कर्मचारी 18 अगस्त से प्रदेशव्यापी हड़ताल कर रहे हैं। आंबेडकर अस्पताल में केवल नर्स एनएचएम के तहत सेवाएं दे रही हैं।

डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ नियमित व संविदा वाले हैं। इसलिए इलाज में फर्क नहीं पड़ा है। बड़ी संख्या में नर्सों की हड़ताल के कारण मरीजों को इंजेक्शन लगाने से लेकर ब्लड सैंपल लेने का काम प्रभावित हो रहा है। अस्पताल में नियमित नर्स के 526 पद स्वीकृत हैं, लेकिन केवल 126 सेवाएं दे रही हैं। बाकी संविदा व एनएचएम कर्मी हैं। ये पद 700 बेड के हिसाब से हैं। जबकि अब बेड की संख्या बढ़कर 1252 हो गई है।

प्रबंधन का दावा- खास असर नहीं

प्रबंधन का दावा है कि हड़ताल का अस्पताल पर खास असर नहीं है। जरूरी ब्लड जांच या सैंपलिंग तथा रेडियो डायग्नोस्टिक विभाग में रेगुलर व संविदा कर्मी सेवाएं दे रहे हैं। इसलिए यहां काम सुचारू रूप से चल रहा है। रायपुर जिले में 1300 समेत प्रदेशभर में 16 हजार एनएचएम कर्मचारी हैं। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में इमरजेंसी सेवा भी ठप कर दी है।

CG Nurses strike: प्रमुख मांगें

संविलियन व नियमितीकरण।

पब्लिक हैल्थ कैडर की स्थापना।

ग्रेड पे का निर्धारण।

कार्य मूल्यांकन व्यवस्था में पारदर्शिता।

लंबित 27त्न प्रतिशत वेतन वृद्धि।

नियमित भर्ती में सीटों का आरक्षण।

मृत्यु के बाद अनुकंपा नियुक्ति।

मेडिकल एवं अन्य अवकाश की सुविधा।

स्थानांतरण नीति बनाई जाए।

न्यूनतम 10 लाख कैशलैस चिकित्सा बीमा।

CG Nurses strike: एनएचएम कर्मचारियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल 24वें दिन भी जारी रही। बुधवार को कर्मचारियों ने आपने बनाया है तो संवारेंगे कब के नारे लगाते हुए सवाल रैली निकाली और सभी जिलों में भाजपा जिला कार्यालय को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया। कर्मचारियों ने कहा कि चुनावों में बीजेपी ने हमने बनाया है तो हम ही संवारेंगे का नारा लगाया था ,पर आज तक हमारी स्थिति जस की तस है। कर्मचारियों का दावा है कि हड़ताल से जिले की स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह ठप हो गई हैं।

लैब टेस्ट, शिशु वार्ड, पोषण पुनर्वास केंद्र बंद हो गए हैं। स्कूल व आंगनबाड़ी में बच्चों की स्वास्थ्य जांच बंद है। टीबी, मलेरिया, बीपी, शुगर सहित मरीजों को दवाएं नहीं मिल रही हैं। पदाधिकारियों ने कहा कि जब तक लिखित आदेश जारी नहीं होता, आंदोलन इसी तरह जारी रहेगा। यदि हड़ताल लंबी खिंची तो स्थिति और गंभीर हो जाएगी, जिसकी पूरी जिम्मेदारी शासन की होगी।