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नया जीवन प्रारंभ करने का अवसर
छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुईया उइके ने कहा कि हर माता-पिता की यह इच्छा होती है कि वह अपनी संतानों को अच्छा पढ़ा-लिखाकर अपने जीवनकाल में समय पर उनकी शादी कर दे। जैसे-जैसे बेटी बढ़ती जाती है, वैसे-वैसे उनकी माता-पिता की चिंताएं भी बढऩे लगती हैं। बेटी की शादी करने के बाद उनके माता-पिता कुछ हद तक अपने आप को पितृऋण से उरिण महसूस करते हैं। किन्तु आज के जमाने में अपनी संतानों खासकर बेटियों का शादी करना उतना आसान नहीं है। शादी करने के लिए सबसे पहले योग्य वर तलाश करना पड़ता है। इस तरह के युवक-युवती परिचय सम्मेलन योग्य वर-वधु की तलाश में बहुत महत्वपूर्ण मददगार साबित होते हैं। विधवा एवं परित्यक्ता महिलाओं के लिए इस तरह के परिचय सम्मेलन उनको नया जीवन प्रारंभ करने के लिए अवसर उपलब्ध कराते हैं।
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दहेज प्रथा विकराल रूप में आई सामने
राज्यपाल अनुसुईया उइके ने कहा कि भारतीय समाज में विवाह एक महत्वपूर्ण संस्कार है। यदि हम अपने प्राचीन समय में जाएं तो यह दो परिवारों का मिलन माना जाता रहा है। दूसरे रूप में देखें तो नए परिवार का जन्म और नई पीढ़ी को जिम्मेदारी देना भी होता है। पहले यह सामान्य स्वरूप में था, लेकिन समय के बदलाव के साथ इनमें कुछ दूसरी सामाजिक कुरीतियां भी जुड़ती गई। इनमें दहेज प्रथा सबसे विकराल रूप में सामने आई है।
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कलयुग है संगठन का युग
छत्तीसगढ़ प्रांतीय अखंड ब्राह्मण समाज के कार्यक्रम में राजनांदगांव के भाजपा सांसद संतोष पाण्डे ने कहा कि कलयुग संगठन का युग है। हर व्यक्ति को संगठन का अधिकार है, लेकिन जब ब्राह्मण समाज द्वारा संगठन किया जाता है, तो उसका दृष्टिकोण सर्व समाज और उनकी समस्या के समाधान की ओर होता है। रायपुर पश्चिम से कांग्रेस विधायक विकास उपाध्याय ने कहा कि इस संस्था द्वारा समाज के लोगों को संगठित करने और उनके लिए आदर्श विवाह, कुंडली मिलान तथा अन्य महत्वपूर्ण कार्य किए जा रहे हैं। इस मौके पर राष्ट्रीय महिला आयोग की सलाहकार हर्षिता पाण्डे तथा गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
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