छत्तीसगढ़ में जासूसी के पहले मामले का खुलासा व्हाट्सऐप की मदद से हुआ। व्हाट्सऐप ने छत्तीसगढ़ के सामाजिक कार्यकर्ता आलोक शुक्ला को मैसेज भेजकर इसकी जानकारी दी। इसका बड़ा खुलासा दिल्ली में 2019 को हुआ। इसमें छत्तीसगढ़ में काम करने वाले पांच सामाजिक कार्यकर्ताओं के नाम सामने आए थे। इनमें शुभ्रांशु चौधरी, बेला भाटिया, शालिनी गेरा, आलोक शुक्ला और डिग्री प्रसाद चौहान का नाम था। कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने बताया मामला सामने आने के बाद राज्य सरकार ने नवम्बर 2019 को गृह सचिव सुब्रत साहू की अध्यक्षता में कमेटी गठित की थी।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा, केंद्र सरकार प्रजातंत्र को पांव तले रौंदने का काम कर रही है। उनका आरोप है कि मोदी सरकार ने देशद्रोह करते हुए राष्ट्रीय सुरक्षा से खिलवाड़ किया है। राहुल गांधी समेत देश के विपक्षी नेताओं, देश के सम्मानित अलग-अलग मीडिया संगठनों के पत्रकारों और संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों की जासूसी करवाई है। भारतीय जनता पार्टी का नाम बदल कर अब भारतीय जासूसी पार्टी रख देना चाहिए।
कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने एनएसओ और छत्तीसगढ़ सरकार के बीच सारे मेल ट्रांजेक्शन की समग्र जांच की जाए। हमें पूरा विश्वास है कि माओवाद के खिलाफ लड़ाई की आड़ में विपक्षियों के खिलाफ राजनीतिक षडय़ंत्र छत्तीसगढ़ में रचा गया। कांग्रेस की मांग है कि छत्तीसगढ़ सरकार इस मामले को लेकर पेगासस को पत्र लिखे।
कांग्रेस के आरोपों पर पूर्व मंत्री व विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा, देश की सरकार को अस्थिर करने के लिए किए गए षड़यंत्रों का हिस्सा है। ये सारी बातें हवा-हवाई हैं। अभी तक कोई प्रमाणिक बातें सामने नहीं आई हैं। यह केंद्र का मामला है। इसे केंद्र की कांग्रेस पार्टी देखेगी। यदि छत्तीसगढ़ सरकार के पास कोई सबूत है, तो उसे उपलब्ध करना चाहिए।